छात्र परिषद के लिए अब सिर्फ एक ही प्रत्याशी मैदान में Prayagraj News
दो प्रत्याशियों के नामांकन पर आपत्ति लगाई गई है। जबकि एक छात्र नामांकन रसीद खो जाने की वजह से अपना नामांकन वापस नहीं ले सका।
प्रयागराज,जेएनएन : इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) में छात्र परिषद की चुनाव से पहले ही हार हो गई। छात्र परिषद चुनाव के लिए 17 नामांकन में से 15 के नाम वापस ले लेने से चुनाव प्रक्रिया पर संकट खड़ा हो गया। इविवि प्रशासन ने गुरुवार शाम आननफानन में बैठक की, लेकिन वह किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सका।
दरअसल, इविवि में पहली बार छात्र परिषद चुनाव कराने का निर्णय लिया गया। छात्र इसका विरोध करते हुए छात्रसंघ चुनाव के बहाली की मांग पर अड़े रहे। इविवि प्रशासन छात्रों की मांगों को अनसुना करते हुए छात्र परिषद पर ही अड़ा रहा। इस पर छात्रों ने आंदोलन की राह पकड़ ली। इविवि प्रशासन ने 10 अक्टूबर को अचानक प्रेस वार्ता कर छात्र परिषद चुनाव कार्यक्रम घोषित करते हुए अधिसूचना जारी कर दी। 12 अक्टूबर से चुनाव की प्रक्रिया शुरू हुई। 12 से 15 अक्टूबर तक छात्र परिषद चुनाव के लिए 70 कक्षा प्रतिनिधि पद के लिए नामांकन फार्म की बिक्री शुरू हुई। 16 अक्टूबर को नामांकन पत्र दाखिल किए गए। इस दौरान कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच विभिन्न संकाय से कुल 70 कक्षा प्रतिनिधि पद के सापेक्ष 17 उम्मीदवारों ने नामांकन किया था। शुक्रवार को छात्रसंघ भवन पर आपत्ति दर्ज कराने और नाम वापसी के लिए काउंटर खोला गया था। सुबह से एक-एक कर प्रत्याशी पहुंचे और नाम वापसी के लिए आवेदन करने लगे। आखिरी समय तक कुल 15 प्रत्याशियों ने नाम वापस ले लिया। इसके बाद दो प्रत्याशी बचे। इनमें एक प्रत्याशी पर आपत्ति दर्ज कराई गई है। ऐसे में अब मैदान में केवल एक प्रत्याशी ही मैदान में बचा। इस बारे में कुलपति प्रोफेसर रतन लाल हांगलू से बात किया गया तो उन्होंने कहा कि इस बारे में पीआरओ से बात करें। इविवि के जनसंपर्क अधिकारी डॉ. चित्तरंजन कुमार से बात करने का प्रयास किया गया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के चुनाव अधिकारी प्रोफेसर आरके सिंह का कहना है कि 17 में से 15 प्रत्याशियों ने नामांकन वापस ले लिया है। इविवि के प्रशासनिक अफसरों के साथ बैठक हुई। एक प्रत्याशी पर आपत्ति आई है, उसकी जांच कराई जाएगी। छात्र परिषद चुनाव पर अभी कोई फैसला नहीं लिया गया।