Coronavirus Effect : बेली अस्पताल में दो माह तक न ओपीडी चलेगी और न ही ओटी Prayagraj News
शहर के बेली अस्पता को अन्य मरीजों से खाली कराया गया है। अब यहां अगले दो माह तक सिर्फ कोरोना वायरस के मरीज ही भर्ती होंगे। कोरोना के लिए तीन लेवल के अस्पताल तैयार किए जा रहे हैं।
प्रयागराज, जेएनएन। शहरवासियों ने तो ऐसा कभी सोचा भी नहीं होगा कि जिस अस्पताल में हजारों मरीजों का रोजाना इलाज होता है वह इस तरह वीरान हो जाएगा। जी हां, बेली अस्पताल को पूरी तरह से मरीजों से खाली करा दिया गया है। जो मरीज भर्ती थे, उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया है। वहीं कुछ मरीजों को काल्विन अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है। अगले दो माह तक इस अस्पताल में न तो कोई ओपीडी चलेगी न ही ओटी। अस्पताल को खाली कराने के बाद सैनिटाइज करा दिया गया। अब इसमें सिर्फ कोरोना वायरस के मरीजों को भर्ती किया जाएगा।
कोटवा पीएचसी को लेवल-एक अस्पताल बनाया गया
कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की ओर से तैयारियां तेज कर दी गई हंै। अस्पतालों में सुविधाएं बढ़ाई जा रही है। कोरोना के लिए तीन लेवल के अस्पताल तैयार किए जा रहे हैं। लेवल-एक में कोटवा पीएचसी को शामिल किया गया है, जो 60 बेड का है। इसमें ऐसे मरीजों को भर्ती किया जाएगा जो सामान्य खांसी व जुकाम से पीडि़त होंगे और उसमें कोरोना के लक्षण होंगे।
बेली अस्पताल को लेवल-दो के लिए तैयार किया गया
बेली अस्पताल को लेवल-2 बनाया गया है। इस अस्पताल में कोरोना के संदिग्ध व पुष्टि होने वाले मरीजों का इलाज किया जाएगा। बेली में आइसीयू व वेंटीलेटर की व्यवस्था की जा रही है।
स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल को लेवल-तीन में शामिल
इसके अलावा लेवल-3 में स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल को शामिल किया गया है। इसमें करीब 250 बेड का आइसोलेशन वार्ड होगा।
बेली अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक बोलीं
बेली अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सुषमा श्रीवास्तव ने बताया कि यहां भर्ती मरीजों को डिस्चार्ज कर दिया गया है। वार्डों को सैनिटाइज कराया गया। जब तक कोरोना का प्रकोप थम नहीं जाता, तब तक इस अस्पताल में ओपीडी या ओटी नहीं होगी।