Move to Jagran APP

तीन साल में छह हजार में 1492 आटो ही सीएनजी में हो सके कनवर्ट Prayagraj News

शहर में करीब छह हजार आटो और टेंपो चल रहे हैं। इनमें से अभी तक सिर्फ 1492 सीएनजी में कनवर्ट हो सके हैं। अफसरों की उदासीनता यह है कि सीएनजी के लिए वाहनों को परमिट नहीं दे रहे हैं।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sat, 17 Aug 2019 09:03 AM (IST)Updated: Sat, 17 Aug 2019 09:03 AM (IST)
तीन साल में छह हजार में 1492 आटो ही सीएनजी में हो सके कनवर्ट Prayagraj News
तीन साल में छह हजार में 1492 आटो ही सीएनजी में हो सके कनवर्ट Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। शहरी क्षेत्र मेें प्रदूषण कम करने के लिए तीन साल पहले प्रयागराज में सीएनजी पंप की शुरुआत हुई थी। सीएनजी की उपलब्धता के साथ ही कमिश्नर ने कहा था कि साल भर में सभी आटो को सीएनजी में कनवर्ट कर दिए जाएं। अब इसे अफसरों की लापरवाही कहें या फिर उदासीनता कि अब तक आधे भी वाहन सीएनजी में नहीं बदले जा सके। शहर में करीब छह हजार आटो और टेंपो हैं, अभी तक 1492 ही सीएनजी में कनवर्ट हो सके हैं।

loksabha election banner

प्रयागराज में 10930 रजिस्टर्ड हैं, शहरी क्षेत्र में छह हजार चल रहे हैं

डीजल से चलने वाले तीन पहिया वाहन यानी आटो, टेंपो प्रयागराज में 10930 रजिस्टर्ड हैं। इसमें करीब छह हजार ऑटो, टेंपो शहरी क्षेत्र में चल रहे हैं। इनसे निकलने वाला धुआं शहर को प्रदूषित कर रहा हैं। वैसे बस, आटो, मोटर कैब, एंबुलेंस सहित जिले में कुल 16885 डीजल वाहन रजिस्टर्ड हैं। इन वाहनों से निकलने वाले धुएं से प्रदूषण न हो, इसलिए दिसंबर 2016 में शहर में सीएनजी पंप लगाए गए।

पांच पंपों में क्षमता 1.22 लाख किलो सीएनजी की, 15 हजार किलो ही बिक रही

शुरुआत में दो पंप थे अब पांच पंप काम कर रहे हैं। इन पंपों में रोजाना 1.22 लाख किलो सीएनजी भरने की क्षमता है। हालांकि सीएनजी की बहुत कम गाडिय़ां होने के कारण रोजाना 15 हजार किलो गैस ही बिक रही है। सीएनजी पंप लगने के साथ ही कमिश्नर ने पहले छह माह का समय दिया कि डीजल वाहनों को बंद करके सीएनजी से चलाए जाएं। उसके बाद फिर से छह महीने का समय दिया गया। उसके बाद भी अब तक शहर में 1492 आटो, टेंपो ही सीएनजी में कनवर्ट हो सके। वहीं 167 स्कूली बस और 129 निजी बस भी सीएनजी से चलने लगी हैं। इसके अलावा हजारों गाडिय़ां डीजल से चल रही हैं।

साल भर से सीएनजी गाडिय़ों को परमिट नहीं दिया जा रहा

सीएनजी के प्रति अफसरों की लापरवाही का आलम यह रहा कि साल भर से वह सीएनजी गाडिय़ों को परमिट भी नहीं दे रहे हैं। ऐसे में शहरी क्षेत्र का प्रदूषण कम होने के बजाय बढ़ता जा रहा है। 13 अगस्त को सड़क परिवहन प्राधिकरण की बैठक में कमिश्नर आशीष गोयल ने सीएनजी के मुद्दे पर अफसरों की फटकार लगाई तो वह फिर से सक्रिय हो गए हैं।

बोले आरटीओ डीके सिंह

आरटीओ डीके सिंह ने बताया कि नगर निगम की सीमा में डीजल से चलने वाले सभी आटो, टेंपो का परमिट रद कर दिया गया है। इन वाहनों को पकड़कर सीज किया जाएगा। इसके लिए कार्रवाई तेज कर दी गई है। साथ सीएनजी वाहनों को परमिट देने के लिए गठित तीन सदस्यीय कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद उनको परमिट देने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.