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...यहां पूर्व सांसद अतीक अहमद का कभी लगता था दरबार, अब बन गया है खंडहर Prayagraj News

प्रयागराज में कर्बला तिराहे पर बने पूर्व सांसद अतीक के कार्यालय को कानून के पंजों ने खंडहर बना दिया है। जरायम की दुनिया से कमाए गए करोड़ों रुपये से बिल्डिंग बनाई गई थी। एडीए ने बुलडोजर चलवाकर कार्यालय को तोड़ दिया है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Mon, 21 Sep 2020 11:37 AM (IST)Updated: Mon, 21 Sep 2020 04:18 PM (IST)
...यहां पूर्व सांसद अतीक अहमद का कभी लगता था दरबार, अब बन गया है खंडहर Prayagraj News
Former MP Atiq Ahmed Office demolished in Prayagraj,

प्रयागराज, जेएनएन। पूर्व सांसद व माफिया अतीक अहमद का कभी यहां दरबार लगता था। हमेशा दर्जनों लोग मौजूद रहते थे। असलहाधारी भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराते थे। वहीं अब यही स्थान खंडहर में तब्दील हो गया है। जी हां, यहां हम बात कर रहे हैं खुल्दाबाद थाना क्षेत्र में कर्बला तिराहे पर बने अतीक अहमद के दफ्तर की। यह कार्यालय कई चुनावों का गवाह रहा है। कभी यहां माफिया का दरबार लगता था।

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कानून के पंजों ने अतीक के कार्यालय को खंडहर बना दिया

अब यही कर्बला तिराहे पर बने पूर्व सांसद अतीक के कार्यालय को कानून के पंजों ने खंडहर बना दिया है। जरायम की दुनिया से कमाए गए करोड़ों रुपये से बिल्डिंग बनाई गई थी। सत्ता के समर्थन और बाहुबल का इस्तेमाल करते हुए अवैध निर्माण कराया गया था। वहीं समय का चक्र बदला तो यहां सन्नाटा पसर गया। गुर्गों और छुटभैये नेताओं की जगह दफ्तर के बाहर मवेशी विचरण करने लगे थे। बाकी बची कसर भाजपा सरकार में जेसीबी चलाकर पूरी कर दी गई।

अतीक का कार्यालय सियासत का अड्डा हुआ करता था

शहर पश्चिमी क्षेत्र के हिसाब से कर्बला मुहल्ला पॉश इलाका माना जाता है। पहले यहां कुछ कमरों का दफ्तर हुआ करता था और बाहर बड़ी-बड़ी होर्डिंग व बैनर लगे रहते थे। एक तरह से यह सियासत का अड्डा हुआ करता था। विधानसभा चुनाव हो या फिर लोकसभा। तमाम नेताओं का जमावड़ा लगता था। चुनावी रणनीति बनाई जाती थी। दफ्तर से करीब एक किलोमीटर दूरी पर चकिया मुहल्ले में पूर्व सांसद अतीक अहमद का आवास है। ऐसे में दफ्तर से घर आने-जाने में भी किसी तरह की परेशानी नहीं होती थी। रणनीति बनाने के साथ-साथ दफ्तर से ही ईद-बकरीद पर गरीबों के लिए बख्शीश दी जाती थी लेकिन अब सब कुछ बदल गया है।

कुछ को 13 साल पुरानी याद हुई ताजा

जब प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू की तो कुछ लोगों को 13 साल पुरानी यादें ताजा हो गईं। तब भी इस दफ्तर को जमींदोज किया गया था लेकिन सपा सरकार आई तो कार्यालय और बेहतरीन ढांचा लेकर तैयार हो गया।


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