...शौचालय होता तो न जाती प्रतापगढ़ के दो मासूमों की जान, ओडीएफ का दावा फेल
बेसलाइन सर्वे 2012 के अनुसार प्रतापगढ़ में 384000 लोगों को स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय का लाभ मिला। सत्यापन में पता चला कि एक लाख 10 हजार से अधिक पात्र शौचालय का लाभ पाने से वंचित रह गए हैं। सत्यापन के बाद उनको भी इसका लाभ मिला।
प्रयागराज, जेएनएन। स्वच्छ भारत मिशन योजना के तहत प्रतापगढ़ जनपद ओपन डेफिकेसन फ्री (ओडीएफ) यानी खुले में शौच मुक्त घोषित है। सच यह है कि शौचालय का लाभ पाने से तमाम लोग वंचित रह गए हैं। ऐसे लोगों को शौचालय का लाभ दे दिया गया, जिनके पास रिहायशी मकान, कार, एसी व कई बीघे जमीन है। जो गरीब हैं, वह आज तक शौचालय के लिए भटक रहे हैं। शौचालय का लाभ मिला होता तो शायद पट्टी क्षेत्र के दो बच्चों की जान न जाती।
सर्वे में 10 हजार से अधिक पात्र शौचालय के लाभ से वंचित : बेसलाइन सर्वे 2012 के अनुसार तीन लाख 84 हजार लोगों को स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय का लाभ मिला है। जब सत्यापन हुआ तो पता चला कि एक लाख 10 हजार से अधिक पात्र शौचालय का लाभ पाने से वंचित रह गए हैं। सत्यापन के बाद उनको भी इसका लाभ मिला। पंचायतीराज विभाग का दावा है कि चार लाख से अधिक शौचालय का लाभ लोगों को मिल चुका है।
लालगंज तहसील क्षेत्र का जानें हाल : अभी भी प्रतापगढ़ में सैकड़ों ऐसे परिवार हैं, जिनको शौचालय बनाने का पैसा नहीं मिला। दैनिक जागरण की टीम की पड़ताल में इसकी सच्चाई सामने आई। लालगंज तहसील क्षेत्र में आने वाली अगई ग्राम पंचायत में दर्जनों ऐसे गरीब परिवार हैं, जिनको शौचालय का लाभ नहीं मिला। वह शौचालय के लिए पांच साल से ग्राम प्रधान व ब्लाक का चक्कर लगा रहे हैं, केवल निराशा हाथ लगी। शौचालय न होने से उनका परिवार खुले में शौच करने को मजबूर हैं। संपूर्ण समाधान दिवस से लेकर विकास भवन में आकर शिकायत की, लेकिन कुछ नहीं हुआ।
तालाब में डूबने से दो बच्चों की हुई थी मौत : आसपुर देवसरा के बिनैका गांव में सोमवार को शौच करने गए दो बच्चों की तालाब में डूबने से मौत हो गई थी। शौचालय न होना उस परिवार के लोगों को अखर रहा है। डीपीआरओ रवि शंकर द्विवेदी ने बताया कि जो भी पात्र परिवार शौचालय का लाभ पाने से वंचित रह गए हैं। उनको भी इससे लाभान्वित किया जा रहा है।
क्या कहते हैं लोग : अगई की अनुपुरहिन कहती हैं कि 10 साल से शौचालय निर्माण कराने का आश्वासन प्रधान दे रहे हैं, लेकिन अभी तक नहीं बना। खुले में शौच करने जाते हैं। अगई की रमेश गौतम ने कहा कि परिवार में कई सदस्य हैं, लेकिन शौचालय का लाभ नहीं मिला। घर के सभी सदस्य खुले में शौच के लिए जाने जाते हैं। फूलमती बोलीं कि घर में शौचालय न होना अखर रहा है। जब स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता तो शौच करने के लिए खुले में जाने पर दिक्कत होती है। रेनू बोलीं कि शौचालय का निर्माण न होने से लोग जंगल में शौच करने जाते हैं। जीव जंतुओं का खतरा रहता है। बारिश में अधिक दिक्कत होती है।