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Nutrition Month : महिलाओं और बच्चों के लिए जरूरी है यह पौष्टिक आहार, इस पर अमल कर परिवार में लाएं खुशहाली

Nutrition Month प्रयागराज की न्यूट्रीशियन विजय लक्ष्मी ने कहा कि बच्चों महिलाओं के भोजन में प्रोटीन जैसे दालें सोयाबीन साबुत अनाज फलियाें की उचित मात्रा होनी चाहिए।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sun, 20 Sep 2020 05:35 PM (IST)Updated: Sun, 20 Sep 2020 05:35 PM (IST)
Nutrition Month : महिलाओं और बच्चों के लिए जरूरी है यह पौष्टिक आहार, इस पर अमल कर परिवार में लाएं खुशहाली
Nutrition Month : महिलाओं और बच्चों के लिए जरूरी है यह पौष्टिक आहार, इस पर अमल कर परिवार में लाएं खुशहाली

​​​​​प्रयागराज, जेएनएन। सितंबर महीने को पोषण माह के रूप में मनाया जाता है। इस पूरे माह में बच्चों के पोषण को को लेकर कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं I इस बार कोरोना वायरस संक्रमण भी फैला है, इसलिए पूरी सजगता से इस पर अमल किया जा रहा है। किचन गार्डन के लिए भी आमजन को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसी संदर्भ में कॉल्विन हॉस्पिटल की न्यूट्रीशियन विजय लक्ष्मी सिंह ने बच्चों और महिलाओं के लिए ज्यादा पौष्टिक आहार के बारे में विस्‍तार से बताया। यह आप भी जानें और न्‍यूट्रीशियन की सलाह को अमल में लाकर परिवार में खुशहाली लाएं।

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इनका सेवन करना लाभदायक है : न्यूट्रीशियन विजय लक्ष्मी

न्यूट्रीशियन विजय लक्ष्मी बताती हैं कि बच्चों और महिलाओं के भोजन में प्रोटीन (विभिन्न प्रकार की दाल, सोयाबीन, साबुत अनाज, फलियां) की उचित मात्रा होनी चाहिए। विटामिन सी युक्त मौसमी सब्जियां व फल जैसे नीबू, आंवला, संतरा, मौसमी, अंगूर, पपीता अदि खाने चाहिए। हरी सब्जियों में पालक, बथुआ, चौलाई, सोया, मेथी, सहजन व उसकी पत्ती के अलावा अदरक, तुलसी, लहसुन,प्याज लौकी, तरोई आदि प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाते हैं और खून की कमी को दूर करते हैं। पके हुए कद्दू और पीले फल व सब्जियों में विटामिन ए भरपूर मात्र में होता है जो पाचनतंत्र और आंखों की रोशनी के लिए बहुत ही लाभदायक हैं। अपने भोजन में दूध व दूध से बने पदार्थ भी शामिल करें।

इसे आप भी जानें

- घर के गीले कचरे का उपयोग कर अपने किचन गार्डन को दें पोषण

- एक माह में घर में ही तैयार कर सकते हैं खाद

- घर के कचरे का करें सही इस्तेमाल

- सूखे और गीले कचरे को अलग-अलग एकत्र करें।

बचा हुआ भोजन एक कंटेनर में जमा कर लें

बायोडिग्रेडेबल कचरे जैसे सब्जी और फल के छिलके, बचा हुआ भोजन एक कंटेनर में जमा कर लें और सूखे कार्बनिक पदार्थ जैसे सूखी पत्तियां, लकड़ी का बुरादा, भूसा आदि एक छोटे कंटेनर में जमा कर लें। एक बड़ा मिट्टी का गमला या बाल्टी लें। इसमें चारों तरफ अलग-अलग स्तर पर हवा आने के लिए 4-5 छिद्र कर दें। गमले के अंदर मिट्टी की एक परत बिछाएं। अब बारी-बारी से परतों में खाद्य कचरे को डालना शुरू करें I सूखे कचरे के साथ गीले कचरे को जैसे कि सब्जी और फल के छिलके बारी-बारी से डालें। कंटेनर को एक प्लास्टिक की सीट या एक लकड़ी के पटरी से ढक दें, जिससे इसमे नमी और गर्मी मिलती रहे। ढेर को हवा लगाने के लिए कुछ दिन बाद एक डंडे का उपयोग कर ढक्कन को पलट दें। अगर आपको लगता है ढेर बहुत सूखा है तो इस पर हल्का पानी का छिड़काव करें ताकि नमी बरकरार रहे। इस तरह खाद एक महीने में तैयार हो जाती है।

जिस कंटेनर में खाद बनाई जा रही है, उसे रसोई घर में न रखें

यहां एक बात जरूर याद रखें कि जिस कंटेनर में खाद बनाई जा रही है, उसे रसोई घर या खाना बनाने वाली जगह पर नहीं रखना चाहिए। इसे घर से बाहर, पिछवाड़े या बालकनी में रखा जाना चाहिए। मांस, हड्डियां, चर्बी, मछली, अपशिष्ट दूध उत्पादन जैसे पनीर, दही, ग्रीस या किसी प्रकार के तेल को कमपोस्ट न करें क्योंकि यह धीरे-धीरे टूटते हैं। कीट, कीड़ों तथा खुले में घूम रहे जानवर को आकर्षित करते हैं और बदबू फैलाते हैं I तैयार खाद को अपने किचन गार्डन में या गमलों में इस्तेमाल करें और पौष्टिक फल और सब्जी उगाएं।


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