Street Vandor : डूडा के सर्वे में 13800 थे चिह्नित, अब 3050 बचे, 57 हजार का है नया लक्ष्य Prayagraj News
तीन वर्ष पहले डूडा से चिह्नित वेंडरों की संख्या कम हो गई है। नगर निगम ने सत्यापन कराया तो पता चला। वहीं अब शासन ने 57 हजार वेंडरों के चयन का लक्ष्य तय कर दिया है।
प्रयागराज, जेएनएन। करीब तीन साल पहले नगरीय विकास अभिकरण (डूडा) की ओर से कराए गए सर्वे में शहर में 13800 स्ट्रीट वेंडर चिह्नित किए गए थे। सभी का पंजीयन कराकर उन्हें लाल कार्ड भी जारी किया गया था। वहीं हाल में नगर निगम की ओर से जब सत्यापन कराया जाने लगा तो उनकी संख्या एक चौथाई भी नहीं मिली। सरकारी कर्ज का लाभ दिलाने के लिए नगर निगम मुख्यालय और सभी जोन कार्यालयों में जनसेवा केंद्रों के मार्फत आवेदन भराने की कार्यवाही शुरू हुई। करीब आठ हजार स्ट्रीट वेंडर के आवेदन भराए जा चुके हैं। इस बीच, सरकार ने नया लक्ष्य तय कर दिया है। ऐसे में सवाल उठ रहा कि जब पहले के लक्ष्य को ही नहीं पाया जा सका है तो 57 हजार स्ट्रीट वेंडरों के चयन का नया लक्ष्य विभाग कैसे पूरा कर सकेगा।
नगर निगम ने आवेदन भराने को चलाया अभियान
फेरी नीति के तहत स्ट्रीट वेंडरों को दुकान आवंटित करने के मकसद से वर्ष 2017 में शासन की ओर से नामित एजेंसी से इनका सर्वे कराया गया था। उस समय इनकी संख्या 13800 थी। वहीं पिछले दिनों पीएम स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि के तहत उन्हें अपने रोजगार चलाने के लिए जब कर्ज दिलाने की बात हुई तो पंजीकृत वेंडरों की संख्या सिर्फ 3050 मिली। बहरहाल, नगर निगम की ओर से आवेदन भराने के लिए चलाए गए अभियान से स्ट्रीट वेंडरों की संख्या में ढाई गुना से ज्यादा की वृद्धि हुई है। हालांकि पहले के आंकड़े से अब भी करीब छह हजार स्ट्रीट वेंडर कम हैं। दो दिन पहले शासन ने 57 हजार स्ट्रीट वेंडरों के चयन का लक्ष्य तय कर दिया है। निर्देश दिया गया है कि स्ट्रीट वेंडरों की संख्या शहर की कुल जनसंख्या का पांच फीसद होना चाहिए।
फार्म अपलोड होने में सर्वर बना बाधक
आवेदन फार्मों के सत्यापन के बाद उसे अपलोड करने में सर्वर बड़ी बाधा है। ओटीपी नहीं आती है, जिससे फार्म अपलोड नहीं हो पाता है। नगर पंचायतों को मिलाकर दो हजार से ज्यादा फार्म अपलोड हुए हैं। जबकि, 325 से ज्यादा को कर्ज की स्वीकृति मिली है। वहीं कर्ज खाते में जाना शुरू नहीं हुआ है। शहर मिशन प्रबंधक राजकुमार द्विवेदी का दावा है कि इस मामले में प्रयागराज का सूबे में दूसरा स्थान है। लॉकडाउन में स्ट्रीट वेंडरों के बाहर चले जाने अथवा व्यवसाय बदल लेने से उनकी संख्या कम हो गई थी।
बोलीं, डूडा की परियोजना अधिकारी
डूडा की परियोजना अधिकारी वर्तिका सिंह कहती हैं कि झलवा, फाफामऊ, नैनी और झूंसी की तरफ निगम के विस्तारित क्षेत्र में इसके लिए सर्वे शुरू करा दिया गया है। निगम के वाहनों से भी प्रचार-प्रसार भी हो रहा है। शासन की ओर से तय लक्ष्य को हासिल करने का पूरा प्रयास किया जा रहा है।