गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई को जोडऩे हैं 55 हजार सीवर कनेक्शन, बजट का इंतजार
गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई द्वारा घरों में सीवर लाइन के कनेक्शन का बचा हुआ काम बजट के अभाव में रुका है। कनेक्शन जोडऩे के लिए बजट का इंतजार है।
प्रयागराज : कुंभ मेले से पहले गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई द्वारा शहर में डाली गई सीवर लाइन से अभी तक घरों का कनेक्शन नहीं हो पाया है। सीवर कनेक्शन जोडऩे के लिए एक बार बजट आया था तो 70 हजार घरों का कनेक्शन जुड़ गया। अभी और 55 हजार कनेक्शन जोडऩे के लिए गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई को बजट का इंतजार है।
46 नाले एसटीपी से नहीं हैं जुड़े
जिले में कुल 82 नाले हैं। उसमें से 46 नाले ऐसे हैं, जो एसटीपी से नहीं जुड़े हैं। कुंभ से इन नालों के गंदे पानी का शोधन हो रहा है। जून तक यह प्रक्रिया चलेगी। गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई ने कुंभ से पहले जो सीवर लाइन डाली थी। उसके अनुसार उन्हें सवा लाख घरों का कनेक्शन सीवर लाइन से जोडऩा था। इसमें से 70 हजार घरों का कनेक्शन होते-होते बजट खत्म हो गया।
अमृत योजना के तहत बजट आना था, लेकिन आया नहीं
गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई ने फिर से बजट मांगा। अमृत योजना के तहत बजट आना था, लेकिन अभी तक बजट नहीं मिल पाया है। इससे कनेक्शन जोडऩे का काम ठप पड़ा हुआ है।
बोले गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई के महाप्रबंधक
गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई के महाप्रबंधक पीके अग्रवाल अग्रवाल का कहना है कि अमृत योजना के बजट का इंतजार है। ज्यों ही बजट आ जाएगा, उसके बाद कनेक्शन जोडऩे का काम शुरू हो जाएगा। कनेक्शन जोडऩे के बाद सीवर लाइन को सीवर पंपिंग स्टेशन (एसपीएस) या सीवर ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) से जोड़ा जाएगा, ताकि सीवर के गंदे पानी का शोधन हो सके और गंगा-यमुना नंदी में गंदा पानी न जाए।