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अब 40 बिंदुओं पर तय होगा विकास का पैमाना

ग्रामीण क्षेत्रों में विकास का पैमाना अब 40 बिंदुओं पर तय होगा। जिन ग्राम पंचायतों में इन बिंदुओं के अनुसार सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं, ऐसी ग्राम पंचायतों का सर्वे कराया जा रहा है। सर्वे के बाद ग्राम पंचायत विकास योजना (जीपीडीपी) तैयार कर मिशन अंत्योदय के तहत हर सुविधाएं मुहैया कराई जानी हैं। जिले के सभी 20 विकास खंडों में सर्वे कराने की जिम्मेदारी जिला विकास अधिकारी प्रदीप कुमार सिंह के स्तर पर ब्लॉकों को दी गई है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 04 Oct 2018 10:45 AM (IST)Updated: Thu, 04 Oct 2018 10:45 AM (IST)
अब 40 बिंदुओं पर तय होगा विकास का पैमाना
अब 40 बिंदुओं पर तय होगा विकास का पैमाना

जासं, इलाहाबाद: ग्रामीण क्षेत्रों में विकास का पैमाना अब 40 बिंदुओं पर तय होगा। जिन ग्राम पंचायतों में इन बिंदुओं के अनुसार सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं, ऐसी ग्राम पंचायतों का सर्वे कराया जा रहा है। सर्वे के बाद ग्राम पंचायत विकास योजना (जीपीडीपी) तैयार कर मिशन अंत्योदय के तहत हर सुविधाएं मुहैया कराई जानी हैं। जिले के सभी 20 विकास खंडों में सर्वे कराने की जिम्मेदारी जिला विकास अधिकारी प्रदीप कुमार सिंह के स्तर पर ब्लॉकों को दी गई है। हालांकि, किसी भी विकास खंड में अभी तक सर्वे का काम पूरा नहीं हो सका है। इन ग्राम पंचायतों के लिए पंचायती राज विभाग की ओर से दो अक्टूबर से 31 दिसंबर तक जीपीडीपी तैयार की जानी है। ये हैं सर्वे के पैरामीटर

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-विशेष रूप से नियुक्त परिवारों का प्रतिशत (खेती और गैर खेती करने वाले)

-क्या गांव में बैंक हैं। यदि नहीं तो जहां हैं, उस गांव की उससे दूरी।

-बैंक न होने पर क्या इंटरनेट कनेक्टिविटी के साथ बैंकिंग बिजनेस करेस्पॉडेंट हैं।

-क्या गांव में एटीएम हैं

-क्या गांव बारहमासी सड़क से जुड़ा है।

-क्या गांव में आंतरिक सीसी अथवा ब्रिक रोड है।

-क्या गांव में सार्वजनिक परिवहन उपलब्ध है।

-क्या गांव में साइबर कैफे अथवा आम सेवा केंद्र हैं।

-क्या गांव में बिजली है।

-क्या गांव में सार्वजनिक वितरण प्रणाली है।

-क्या बाजार है। न होने पर जहां बाजार है, गांव से उसकी दूरी।

-गांव में पाइप के जरिए जलापूर्ति।

-गांव में टेलीफोन सेवा

-एलपीजी, बायो गैस का उपयोग करने वाले परिवारों की संख्या

-कच्ची दीवार और छत वाले परिवारों की संख्या।

-गांव में डाकघर और उप डाकघर।

-गांव में विद्यालय।

-क्या गांव में व्यवसायिक शिक्षा केंद्र और औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान हैं।

-गांव में पीएचसी, सीएचसी अथवा उपकेंद्र है।

-क्या गांव में पशु क्लीनिक और अस्पताल है। यदि सुविधा उपलब्ध है तो उस स्थान की दूरी।

-क्या गांव में जलनिकासी की व्यवस्था है।

-क्या गांव में मृदा जांच केंद्र है।

-क्या गांव में सरकारी बीज केंद्र है।

-क्या गांव में उर्वरक की दुकान है।

-क्या गांव में सामुदायिक अपशिष्ट निपटान प्रणाली है।

-क्या गांव में सामुदायिक बायो गैस या उत्पादन करने के लिए अपशिष्ट के रिसाइकिल की व्यवस्था है।

-क्या गांव खुले में शौच से मुक्त है।

-क्या गांव में आंगनबाड़ी केंद्र है।

-0-3 वर्ष के बच्चों की कुल संख्या।

-आंगनबाड़ी के तहत 0-3 वर्ष के पंजीकृत बच्चों की संख्या।

-0-3 वर्ष के प्रतिरक्षित बच्चों की संख्या

-अविकसित श्रेणी में रखे गए बच्चों की संख्या

-स्वयं सहायता समूह में संगठित परिवारों की संख्या

-उत्पादक समूहों में संगठित परिवारों की संख्या

-गांव आधारित कृषि विस्तार कामगारों द्वारा सहायता प्राप्त परिवारों की संख्या

-गांव आधारित पशुधन विस्तार कामगारों द्वारा सहायता प्राप्त परिवारों की संख्या

-बैंक ऋण प्राप्त करने वाले स्वयं सहायता समूहों की संख्या

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सर्वे के आधार पर जीपीडीपी तैयार की जाएगी। मिशन अंत्योदय के तहत गांवों में हर तरह की सुविधाएं मुहैया कराई जानी हैं।

अनिल कुमार त्रिपाठी, डीपीआरओ


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