अब पकड़ी गई भैंस और सुअरों को नगर निगम करेगा नीलाम Prayagraj News
जो मवेशी पकड़े जाएंगे। चाहे वह पशुपालक के हों या बेसहारा जानवर सभी को कान्हा उपवन भेजा जाएगा। जब्त भैंसों और सुअरों की नीलामी करके उसका पैसा नगर निगम के कोष में जमा होगा।
प्रयागराज,जेएनएन। सड़क पर घूमने वाले मवेशियों को पकडऩे के बाद अब नगर निगम की टीम उसे शंकरगढ़ के जनवा स्थित कान्हा गोशाला में भेज देगी। पशुपालक मवेशियों को कांजी हाउस से छुड़वा नहीं सकेंगे। पशुपालकों को पहले शपथ पत्र देना होगा। उसके बाद मवेशी को लेने के लिए शंकरगढ़ जाना पड़ेगा।
सड़क पर पशुओं को छोड़ने पर होगी सख्त कार्रवाई
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नगर निगम को निर्देश दिया है कि वह शहर में जितनी डेयरियां चल रही हैं, उन्हें बंद कराकर पशुपालकों को कैटल कालोनी में भेजे। जो लोग दूध निकालने के बाद मवेशियों को सड़क पर छोड़ देते हैं। उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। अभी तक नगर निगम की टीम जब मवेशियों को पकड़ती थी तो उन्हें कांजी हाउस में रखती थी। पशुपालक कांजी हाउस जाकर जुर्माना भरकर मवेशियों को छुड़वा लेते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। जो मवेशी सड़क पर पकड़े जाएंगे। चाहे वह पशुपालक के होंगे या बेसहारा जानवर सभी को कान्हा उपवन भेजा जाएगा। इसके अलावा जब्त भैंसों और सुअरों की नीलामी करके उसका पैसा नगर निगम के कोष में जमा किया जाएगा। नगर आयुक्त रवि रंजन का कहना है कि सभी पशुपालकों को बताया जा रहा है कि अब जब्त जानवर को शंकरगढ़ भेज दिया जाएगा।
माघ मेले में खेती के टिप्स दे रहा ट्रिपलआइटी
भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (ट्रिपलआइटी) माघ मेले में खेती के टिप्स दे रहा है। सूचना संचार प्रौद्योगिकी के लाभों को किसानों और ग्रामीणों तक पहुंचाने के लिए बुधवार को परेड मैदान स्थित त्रिवेणी मार्ग पर जागरूकता शिविर का उद्घाटन संस्थान के निदेशक प्रोफेसर पी नागभूषण ने किया। प्रो. नागभूषण ने बताया कि भारत सरकार के सूचना संचार प्रौद्योगिकी विभाग के सहयोग से एक माह तक मेले में किसानों को आइसीटी से संबंधित कार्यक्रमों को संचालित करेगा। कार्यक्रम समन्वयक डॉ. विजय कुमार चौरसिया ने बताया कि सरकार की विभिन्न योजनाओं के बारे में बताया जाएगा। सूचना संचार प्रौद्योगिकी (आइसीटी) प्लेटफार्म जैसे ई-नाम, एम-किसान, उमंग, भीम, यूपीआइ, आयुष्यमान भारत, सुकन्या समृद्धि योजना, नाबार्ड, उर्वरक सब्सिडी आदि के बारे में जानकारी दी जाएगी। साथ ही मिट्टी परीक्षण, पर्यावरण अनुकूल खेती करने, विभिन्न पारिस्थितिकी में उपयुक्त फसल की अधिक पैदावार करने के टिप्स दिए जाएंगे। खेती में ड्रोन के अनुप्रयोगों का प्रदर्शन किया जाएगा। मेले के बाद 200 स्वयंसेवकों को ट्रिपलआइटी प्रशिक्षण देगा। इस कार्य में सहयोग के लिए डॉ. नीतेश पुरोहित, डॉ. प्रीतिश भारद्वाज और डॉ. सुनील यादव को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी है।