अब खाली मिलने लगा है लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस का स्लाट Prayagraj News
आठ फरवरी तक रात को 12 बजे साइट खुलते ही कुछ मिनटों में पूरा स्लाट बुक हो जाता था। लेकिन खबर प्रकाशित होने के बाद नौ फरवरी को रात 12 बजे के बाद साढ़े तीन सौ स्लाट ही बुक हुए।
प्रयागराज, जेएनएन । ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) बनवाने के लिए पिछले कुछ महीने से स्लाट बुक करने में दलाल हावी थे। वह रात में साइट खुलते ही पूरे चार सौ स्लाट बुक कर लेते थे जिससे आम लोग परेशान रहते थे। मामले को दैनिक जागरण ने प्रमुखता से प्रकाशित किया तो प्रशासन सक्रिय हुआ, निगरानी और सख्ती के बाद बाद स्लाट खाली मिलने लगा है।
लर्निंग डीएल बनवाने के लिए रोजाना दिया जाता है 400 का स्लाट
संभागीय परिवहन विभाग की ओर से लर्निंग डीएल बनवाने के लिए रोजाना 400 का स्लाट दिया जाता है। साठ दिन के लिए होने वाली इस बुकिंग के लिए ऑनलाइन आवेदन करना आसान है किंतु स्लाट बुक करने को मारामारी होती है।
वेबसाइट खुलते ही दलाल बुक कर लेते स्लॉट
स्लाट बुक करने के लिए पिछले कुछ महीने से एक रैकेट काम कर रहा था जो साइट खुलने के कुछ मिनटों में पूरे स्लाट बुक कर लेता था। इस खेल को उजागर किया गया तो अधिकारी और पुलिस वाले सक्रिय हुए जिसके बाद स्लाट बुक करने वाला रैकेट सतर्क हो गया। आठ फरवरी तक रात को 12 बजे साइट खुलते ही कुछ मिनटों में पूरा स्लाट बुक हो जाता था। लेकिन खबर प्रकाशित होने के बाद नौ फरवरी को रात 12 बजे के बाद साढ़े तीन सौ स्लाट ही बुक हुए। बाकी 50 रह गए तो अन्य लोगों ने दिनभर में उसे बुक किया। फिर 10 फरवरी का स्लाट रात 12 बजे डेढ़ सौ ही बुक हुए। बाकी स्लाट सोमवार को दिनभर लोग बुक करते रहे।
पुलिस साइबर सेल और आइटी सेल से शिकायत
एआरटीओ प्रशासन सियाराम वर्मा ने बताया कि कुछ मिनटों में चार सौ स्लाट बुक हो जाना, किसी रैकेट का ही काम लगता है। यह सूचना विभाग के आइटी सेल और पुलिस के साइबर सेल को दे दी गई है। साइट खुलते ही जिन आवेदकों के स्लाट बुक हो रहे, उनसे भी पूछताछ की जाएगी। जो भी रैकेट काम कर रहा है, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।