अब डेल्टा प्लस के खतरे ने बढ़ा दी प्रयागराज प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की फिक्र, तीसरी लहर के लिए तैयारी
स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय परिसर में स्थित लेवल थ्री कोविड अस्पताल में बच्चों के पीकू (पीडियाट्रिक आइसीयू) वार्ड समेत आइसीयू एचडीयू वार्ड किसी भी आकस्मिक स्थिति में संचालन को तैयार रखे गए हैं लोगों को भी सजग रहने की जरूरत है वरना खतरा बड़ा है
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। कोरोना वायरस के नए वेरिएंट डेल्टा प्लस ने प्रयागपराज में भी चिकित्सा विभाग की चिंता बढ़ा दी है। डाक्टर व अस्पताल अलर्ट मोड में हैं जबकि सार्वजनिक स्थानों पर भीड़ में बिना मास्क लगाए बेखौफ घूम रहे लोगों को सावधानी बरतनी होगी। कोविड के दैनिक टेस्ट में माइक्रो बायोलाजी लैब की रिपोर्ट पर जीन सीक्वेंसिंग की व्यवस्था नहीं होने के बावजूद नजर रखी जा रही है। माना जा रहा है कि डेल्टा प्लस वायरस दूसरी लहर से ज्यादा खतरनाक हो सकता है और यही तीसरी लहर की वजह बनेगा।
तीसरी लहर से निपटने की तैयारी जोरों पर
स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय परिसर में स्थित लेवल थ्री कोविड अस्पताल में बच्चों के पीकू (पीडियाट्रिक आइसीयू) वार्ड समेत आइसीयू एचडीयू वार्ड किसी भी आकस्मिक स्थिति में संचालन को तैयार रखे गए हैं तो एलटू श्रेणी के बेली अस्पताल को भी अब तक कोविड की श्रेणी से मुक्त न किए जाने के पीछे भी शासन की यही मंशा है कि अस्पताल अलर्ट मोड में रहें। एलटू श्रेणी के प्रदेश भर में सभी अस्पताल अभी कोविड श्रेणी से मुक्त नहीं किए गए हैं।
अचानक बढ़ी सुविधाएं
तेज बहादुर सप्रू चिकित्सालय यानी बेली अस्पताल मेें पीडियाट्रिक आइसीयू (पीकू वार्ड) निर्माण अंतिम चरण में है। 40 बेड के इस वार्ड में 20 आइसीयू और 20 एचडीयू वार्ड रहेंगे। बच्चों के साथ तीमारदार के रुकने की व्यवस्था के लिए काउच के आर्डर दे दिए गए हैं। पूरा अस्पताल 225 बेड का कर दिया गया है इसमें 20 बेड पोस्ट कोविड भी रहेंगे। पहले से संचालित 20 बेड के आइसीयू को 52 बेड का किया जा चुका है और ट्रामा सेंटर को 22 बेड के ट्रायल वार्ड में बदलने का कार्य जारी है।
आक्सीजन से लैस होगा बेली अस्पताल
बेली अस्पताल में आक्सीजन जनरेशन के दो प्लांट लगाए जा रहे हैं। 1200 एलपीएम (लीटर पर मिनट) का प्लांट निर्माणाधीन है। जिलाधिकारी के निर्देश पर 1000 एलपीएम का एक और आक्सीजन प्लांट लगाने की योजना है।
वायरस के खतरे से निपटने को हम तैयार
कोरोना के नए वैरिएंट डेल्टा प्लस का खतरा भी दूसरी लहर के वायरस जैसा बताया जा रहा है। भारत में कुछ केस मिले हैं। हम लोग भी पूरी तैयारी में हैं। माइक्रो बायोलाजी लैब में जीन सीक्वेंसिंग कराई जाएगी, वहां हो रहे कोविड टेस्ट की रिपोर्ट ली जा रही है।
डा. एसपी सिंह, प्राचार्य मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज
सावधानी भी नहीं, सजगता भी नहीं
भारत में डेल्टा प्लस के बढ़ते खतरे के बावजूद सार्वजनिक स्थानों पर बिना सुरक्षा मानक के जाने, भीड़ में रहने से लोगों पर कोई रोकथाम नहीं हो रही है। एक तरफ तो चिकित्सा विभाग कमर कस रहा है वहीं शहर में बेफिक्री बढ़ रही है। डाक्टरों ने आगाह किया है कि वायरस के खतरे के प्रति सभी सचेत रहें। जैसी लापरवाही हो रही है, वही तीसरी लहर के लिए जिम्मेदार साबित होने वाली है।