अब पीएम आवास का भी सोशल ऑडिट, ब्लॉकवार गठित की गईं टीमें
प्रधानमंत्री आवास वितरण में धांधली व गोलमाल हुए धन की जांच के लिए सोशल ऑडिट किया जाएगा। इसके लिए ब्लाकवार टीमें गठित की गई हैं।
प्रयागराज : योजना का ठीक तरीके से क्रियान्वयन, कार्यों की गुणवत्ता परखने और धन की उपयोगिता की जांच के लिए प्रशासन ने अब प्रधानमंत्री (पीएम) आवास योजना का सोशल ऑडिट कराने का निर्णय लिया है। इसके लिए ब्लॉकवार 35-40 लोगों की टीम गठित की गई है। इन टीमों को बसमेहता स्थित जिला ग्राम्य विकास प्रशिक्षण केंद्र में ट्रेनिंग देने का काम गुरुवार से शुरू हो गया। ट्रेनिंग खत्म होने के बाद सोशल ऑडिट का काम शुरू होगा।
लाभार्थियों के चयन में हुई मनमानी
होलागढ़ समेत कई ब्लॉकों में पीएम आवास योजना के लाभार्थियों के चयन में खूब मनमानी हुई है। कुछ प्रकरणों की शिकायत होने पर जांच में दोषी पाए गए कर्मचारियों और ग्राम प्रधानों के खिलाफ प्रशासन स्तर से कार्रवाई भी हुई है। हालांकि योजना के सही क्रियांवयन के लिए प्रशासन ने योजना का सोशल ऑडिट कराने का निर्णय लिया है। इसी क्रम में ट्रेनिंग शुरू की गई है। प्रशिक्षण इस महीने तक चलेगा। प्रशिक्षण संस्थान के प्रशिक्षित अधिकारी एवं जिले स्तर पर गठित सोशल ऑडिट के पदाधिकारी दे रहे हैं।
प्रशिक्षण के बाद ग्राम सभाओं में होगी सोशल ऑडिट
ट्रेनिंग खत्म होने के बाद प्रत्येक ग्राम सभाओं में योजना की सोशल ऑडिट शुरू होगी। रिपोर्ट डीएम के जरिए शासन को भेजी जाएगी। बता दें कि सोशल ऑडिट के लिए जिले स्तर पर 20 लोगों की टीम है।
मनरेगा की भी सोशल ऑडिट
पीएम आवास योजना के साथ मनरेगा के कार्यों की भी सोशल ऑडिट होगी। सोशल ऑडिट से जुड़े एक पदाधिकारी के मुताबिक शासन की मंशा है कि इन कार्यक्रमों में पारदर्शिता बनी रहे।
10 ग्राम सभा स्तर पर चार लोगों की टीम
10 ग्राम सभाओं में चार लोगों की टीम होगी। सभी टीमों को मार्च तक सोशल ऑडिट का काम पूरा करने का लक्ष्य दिया गया है।