निजी एजेंसियां चलाएंगी एसटीपी
इलाहाबाद : सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांटों (एसटीपी) के संचालन का बोझ नगर निगमों से कम करने के
इलाहाबाद : सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांटों (एसटीपी) के संचालन का बोझ नगर निगमों से कम करने के मकसद से केंद्र सरकार ने अब इसकी जिम्मेदारी निजी एजेंसियों को देने का निर्णय लिया है। प्रत्येक बड़े शहरों में एजेंसियों के चयन के लिए नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा की ओर से 15 मार्च को टेंडर आमंत्रित किया गया है। माना जा रहा है कि निजी एजेंसी को जिम्मेदारी मिलने से निगमों के बजट में होने वाली कटौती खत्म हो जाएगी। ऐसे में कर्मचारियों को न वेतन और न ही पेंशनरों को पेंशन के लाले पड़ेंगे। शहर में अभी कुल छह एसटीपी हैं, जो नैनी, पोंगहट, मेंहदौरी, बक्शी बांध, कोडरा और नुमैयाडाही में हैं। तीन नए एसटीपी बनने भी हैं। फिलहाल मौजूदा एसटीपी का संचालन गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई करता है, लेकिन उसके रख-रखाव (मेंटिनेंस) का खर्च नगर निगम को उठाना पड़ता है। ऐसे में राज्य वित्त आयोग से निगम को मिलने वाली धनराशि में से प्रदेश सरकार हर साल कटौती कर लेती है। वित्तीय वर्ष 2017-18 में भी करीब 60 करोड़ रुपये की कटौती की गई है। इससे कर्मचारियों को नियमित वेतन और पेंशनरों को पेंशन मिलने में भी दिक्कत आती है।