रायल्टी नहीं दी, अब पट्टधारकों से वसूले जाएंगे 68.50 करोड़ रुपये Prayagraj News
अधिकतर फर्म प्रयागराज कुछ फर्म मीरजापुर बलरामपुर सोनभद्र और गोरखपुर की भी हैैं। इन पट्टाधारकों पर कुल 68.50 करोड़ रुपये बकाया है।
प्रयागराज,जेएनएन। पिछले दिनों जिला प्रशासन द्वारा ब्लैक लिस्ट किए बालू खनन के 21 पट्टधारकों से 68.50 करोड़ रुपये तहसील की मदद से वसूल किए जाएंगे। पट्टधारकों ने बालू खनन की रायल्टी जमा नहीं की है। इसलिए इनके खिलाफ आरसी जारी की जा चुकी है। पट्टधारकों ने पटटा मिलने के बालू खनन शुरू कर दिया। बालू बेचा भी लेकिन प्रदेश सरकार की रायल्टी नहीं जमा की।
पट्टा मिलने के बाद बालू खनन शुरू कर दिया, लेकिन नहीं जमा की प्रदेश सरकार की रायल्टी
दरअसल 2018-19 में गंगा और यमुना से बालू खनन के लिए पट्टे किए गए थे। वह पट्टे पांच साल के थे। पट्टा मिलने के बाद बालू खनन शुरू हुआ। खनन अधिकारी एके सिंह ने बताया कि पट्टाधारकों ने बालू का खनन किया और बेचा, लेकिन प्रदेश सरकार की रायल्टी जमा नहीं की।
21 पट्टाधारकों को दो साल के लिए ब्लैक लिस्ट कर दिया गया
इसलिए 21 पट्टाधारकों को दो साल के लिए ब्लैक लिस्ट कर दिया गया है। इसमें से अधिकतर फर्म प्रयागराज, कुछ फर्म मीरजापुर, बलरामपुर, सोनभद्र और गोरखपुर की भी हैैं। इन पट्टाधारकों पर कुल 68.50 करोड़ रुपये बकाया है।
12 घाटों से खनन का हुआ पट्टा
बालू खनन के लिए 12 पट्टे नए सिरे से हो गए हैं। इनकों पांच साल के पट्टा दिया गया है जिसमें कुछ का गंगा तो कुछ का पट्टा यमुना से हुआ है। यह लोग बालू का खनन अक्टूबर से कर सकेंगे। पर्यावरण की एनओसी लेनी होगी इसके बाद ही खनन कर सकेंगे।