कोरोना महामारी पर काबू पाने के लिए अब प्रयागराज के ग्रामीण इलाकों में भी कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग की तैयारी
कॉन्टेक्ट टेस्टिंग वह प्रक्रिया है जिसमे किसी एक व्यक्ति के कोरोना पॉजिटिव मिलने पर उसकी हिस्ट्री का पता लगाया जाता है। उसके संपर्क में दो दिनों में आये 15 से 20 लोगों के बारे में जानकारी जुटाई जाती है। फिर उन सभी की कोरोना जांच कराई जाती है।
प्रयागराज, जेएनएन। कोरोना वायरस के दिनों में कॉन्टेक्ट टेस्टिंग से बड़ी कामयाबी मिल रही है। इसके चलते यह पता लग रहा है कि संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में कौन कौन आया, उसकी भी कोविड जांच कराकर होम आइसोलेट कराकर कोरोना के बढ़ते कदम को रोका जा रहा है। अब यही प्रक्रिया ग्रामीण क्षेत्रों में अपनाने की तैयारी है क्योंकि गांव में भी कोरोना संक्रमण के नए केस बढ़ रहे हैं। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की दर्जनों टीमों को ग्रामीण इलाकों में भेज दिया गया है।
क्या है कॉन्टेक्ट टेस्टिंग
कॉन्टेक्ट टेस्टिंग वह प्रक्रिया है जिसमे किसी एक व्यक्ति के कोरोना पॉजिटिव मिलने पर उसकी हिस्ट्री का पता लगाया जाता है। उसके संपर्क में दो दिनों में आये 15 से 20 लोगों के बारे में जानकारी जुटाई जाती है। फिर उन सभी की कोरोना जांच कराई जाती है। इस तरह से कोरोना के कदम रोकने में कामयाबी मिलती है।
गांव में बढ़े मामले
ग्रामीण क्षेत्रों में बीमारियां अमूनन कम फैलती हैं लेकिन कोरोना के मामले में ऐसा नहीं है । मुंबई, दिल्ली, गुजरात, पंजाब में अधिकतर यहां के ग्रामीण लोग जाकर काम करते हैं। इन राज्यों से घर लौटे लोगों से गांव में कोरोना फैल गया है। अब तो 50 फीसद नए संक्रमित गांव से ही मिल रहे हैं।
बनेंगी टीमें
कोविड-19 के नोडल डॉक्टर ऋषि सहाय का कहना है कि गांव के लोगों को भी कोरोना टेस्ट कराने आवश्यक है। सभी कस्बों के लिये मोबाइल टीम तैयार की जा रही है। जल्द ही टीमें रवाना होंगी। प्रत्येक संक्रमित के संपर्क में आये 20 लोगों की जांच कराई जाएगी।