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लोटा वालों के लिए अब हर गांव में कम्यूनिटी टॉयलेट Prayagraj News

स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण योजना के तहत सभी गांवों में सामुदायिक शौचालय का निर्माण कराया जाएगा। जिले के सभी 1637 गांवों में लगभग 33 करोड़ रुपये से कम्यूनिटी टॉयलेट बनाए जाएंगे।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Thu, 17 Oct 2019 08:58 AM (IST)Updated: Thu, 17 Oct 2019 08:58 AM (IST)
लोटा वालों के लिए अब हर गांव में कम्यूनिटी टॉयलेट Prayagraj News
लोटा वालों के लिए अब हर गांव में कम्यूनिटी टॉयलेट Prayagraj News

प्रयागराज,जेएनएन : यदि आपकी आदत लोटा लेकर बाहर शौच जाने की है तो उसका भी इंतजाम किया जा रहा है। गांवों में बस्ती के बाहर अब कम्यूनिटी टॉयलेट भी बनाए जाएंगे, जिसमें ऐसे ही लोग जा सकेंगे। हालांकि इनका उपयोग वे भी कर सकेंगे, जिनके पास शौचालय नहीं है। यह पूरी तरह से निश्शुल्क होगा और इसमें साबुन, पानी व वॉश बेसिन की भी व्यवस्था होगी। माना जा रहा है कि ये कम्यूनिटी टॉयलेट खुले में शौच पर मुक्ति में काफी प्रभावी साबित होंगे।

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खुले में शौच से मुक्ति (ओडीएफ) के लिए एक और बड़ी योजना सरकार लांच कर रही है। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण योजना के तहत सभी गांवों में सामुदायिक शौचालय का निर्माण कराया जाएगा। जिले के सभी 1637 गांवों में लगभग 33 करोड़ रुपये से कम्यूनिटी टॉयलेट बनाए जाएंगे। पहले चरण में हर गांव में एक-एक और दूसरे चरण में प्रत्येक गांव में दो-दो सामुदायिक शौचालयों का निर्माण कराया जाएगा। जिन बड़े गांवों में आधा दर्जन से ज्यादा मजरे हैैं वहां तीसरे और चौथे चरण के तहत दो-दो और सामुदायिक शौचालयों का निर्माण कराया जाएगा।

प्रत्येक कम्यूनिटी टॉयलेट के लिए दो लाख रुपये का बजट जारी हुआ है। इसमें महिला व पुरुष के लिए दो-दो टॉयलेट होंगे। एक पानी की टंकी, वॉश बेसिन व पानी की उपलब्धता के लिए समर्सिबल पंप भी लगाया जाएगा। डीपीआरओ रेनू श्रीवास्तव ने बताया कि इस योजना के तहत सरकार अब गांवों में योजनाबद्ध तरीके से सामुदायिक शौचालय बनाएगी।

खुले वाली सोच को बदलने की कोशिश :

महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को खुले में शौच मुक्त घोषित किया है। मगर वास्तविकता में अभी कोई भी गांव खुले में शौच मुक्त नहीं हो सका है। इस पर शासन ने अब गांवों में शहरों की तरह सामुदायिक शौचालय बनवाने का निर्णय लिया है।

गांव की सरकार करेगी देखरेख:

सामुदायिक शौचालयों की देखरेख ग्राम पंचायतें ही करेंगी। गांवों में तैनात सफाई कर्मी के हाथों इसके संचालन की जिम्मेदारी होगी। इसके रखरखाव पर आने वाला खर्च मनरेगा के बजट दिया जाएगा। भोर में चार बजे से रात के 10 बजे तक ये कम्यूनिटी टॉयलेट संचालित होंगे। यहां सफाई कर्मी के साथ ही मनरेगा के बजट से ही दो मजदूर भी तैनात किए जाएंगे, जिनकी सफाई कर्मी के साथ दिन और रात में ड्यूटी लगाई जाएगी।


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