10 फीसद से ज्यादा आइटीसी क्लेम नहीं कर सकेंगे व्यापारी, जीएसटी के नए नियम से होगी परेशानी
अगर व्यापारी 10 फीसद से ज्यादा का क्लेम करेगा तो जीएसटी पोर्टल एरर दिखाने लगेगा और रिटर्न फाइल नहीं होगा। कंफेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट)के पदाधिकारियों का मानना है कि आइटीसी व्यापारी का हक है और उस पर किसी प्रकार की बंदिश लगाना बिल्कुल गलत है।
प्रयागराज, जेएनएन। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं कस्टम विभाग ने 'वस्तु एवं सेवाकर अधिनियम के नियम 36 (4) को जीएसटी पोर्टल पर लागू कर दिया है। इससे व्यापारी को अब उतना ही इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) मिलेगा जो संगत माह के जीएसटीआर-2बी में 12 तारीख तक दिखाई देगा। यही आइटीसी व्यापारी के जीएसटीआर-3 बी की सारिणी चार के आइटीसी कॉलम में ऑटो पॉपुलेटेड होगा। इसमें व्यापारी दिखाए गए आंकड़े का 10 फीसद से ज्यादा आइटीसी का क्लेम नहीं कर सकेगा।
10 फीसद से ज्यादा का क्लेम करने पर दिखाएगा जीएसटी पोर्टल पर एरर
अगर वह 10 फीसद से ज्यादा का क्लेम करेगा तो जीएसटी पोर्टल एरर दिखाने लगेगा और रिटर्न फाइल नहीं होगा। कंफेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट)के पदाधिकारियों का मानना है कि आइटीसी व्यापारी का हक है और उस पर किसी प्रकार की बंदिश लगाना बिल्कुल गलत है। कैट के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र गोयल का कहना है कि एक तरफ सरकार छोटे व्यापारियों की सुविधा के लिए तिमाही रिटर्न की व्यवस्था कर रही है और दूसरी तरफ इस तरह की बंदिशें लगा रही है।
कारोबारी चाहते हैं सुधार और बदलाव
इस नियम के लागू होने से उन व्यापारियों से व्यापार करना पसंद नहीं किया जाएगा जो जीएसटीआर-1 तिमाही आधार पर दाखिल करते हैं, क्योंकि उनके बिल खरीदार के जीएसटीआर-2बी में चार माह बाद दिखेंगे और तब तक व्यापारी को आइटीसी का लाभ नहीं मिलेगा। ऐसे में सरकार या तो जीएसटीआर-1 सभी के लिए मासिक भरना अनिवार्य कर दे अथवा आइटीसी की गणना मासिक की जगह वार्षिक आधार पर करने की व्यवस्था लागू की जाए।