Coronavirus : अब एंटीजेन किट से होगी जांच, एक घंटे मिल जाएगी रिपोर्ट Prayagraj News
अब इस किट से जांच के बाद संक्रमित का जल्द इलाज शुरू किया जा सकेगा। लखनऊ से देर शाम पांच हजार किट की पहली खेप प्रयागराज पहुंच गई।
प्रयागराज,जेएनएन। कोरोना जांच की रिपोर्ट के लिए अब लोगों को पांच से सात दिन का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। अब एंटीजेन बेस्ड रैपिड टेस्ट किट से कोराना संदिग्धों का सैंपल लिया जाएगा। खास बात यह है कि इस किट से सैंपल लेने के एक घंटे के भीतर रिपोर्ट भी मिल सकेगी। लखनऊ से देर शाम पांच हजार किट की पहली खेप प्रयागराज पहुंच गई। बुधवार से इसी किट से कोरोना संदिग्धों की जांच होगी।
कोरोना वायरस के संक्रमण की जांच में आएगी तेजी
दरअसल, देश में कोरोना संक्रमण की जांच में तेजी लाने के लिए मानेसर स्थित दक्षिण कोरिया की कंपनी एसडी बायोसेंसर ने यह किट तैयार की। इसके बाद इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) ने जांच के बाद इस किट को मंजूरी दी। इस किट से जांच प्रक्रिया में तेजी आ सकेगी। साथ ही जांच रिपोर्ट के इंतजार का झंझट भी खत्म हो जाएगा। अब तक संदिग्धों का स्वैब (लार) अथवा खून की जांच स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से मान्य प्रयोगशालाओं में होती रही है। प्रयागराज में मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबॉयोलॉजी विभाग के प्रयोगशाला में आरटीपीसीआर मशीन की मदद से हो रही है। यहां अन्य जनपदों से भी जांच के लिए नमूने आते हैं। ऐसे में रिपोर्ट आने में पांच से सात दिन का वक्त लग रहा है। अब इस किट से जांच के बाद संक्रमित का जल्द इलाज शुरू किया जा सकेगा। लखनऊ से देर शाम पांच हजार किट की पहली खेप प्रयागराज पहुंच गई।
आज से इसी किट से होगी जांच
अब बुधवार से इसी किट से कोरोना संदिग्धों की जांच होगी। स्वास्थ्य विभाग पहले हॉटस्पॉट में रहने वालों का इस किट से जांच कराने की तैयारी में है। कोरोना वायरस नियंत्रण के नोडल अफसर डॉ. ऋषि सहाय ने बताया कि पांच हजार एंटीजेन किट की पहली खेप प्रयागराज आ गई है। इस किट से एक घंटे में ही कोरोना की जांच रिपोर्ट मिल सकेगी। इससे जांच में काफी तेज आएगी। बुधवार से इसी किट से संदिग्धों का सैंपल लिया जाएगा।
ऐसे काम करेगी एंटीजेन किट
एंटिजेन टेस्ट में सिर्फ नाक से निकलने वाले द्रव्य की जरूरत पड़ती है। इसमें यह देखा जाता है कि कोरोना वायरस में पाए जाने वाले खास प्रोटीन का एंटीजेन मौजूद है अथवा नहीं। नाक से सैंपल लेने के बाद लार को किट में डाला जाता है। किट पर मौजूद एक निश्चित जगह पर सैंपल की तीन बूंद को डाला जाता है। दो से तीस डिग्री सेंटीग्रेड के तापमान पर किट को मोबाइल वैन में बने प्रयोगशाला में 15 से 30 मिनट के लिए छोड़ दिया जाता है। यदि किट पर एक ही तरह का रंग दिखाई दे तो जांच सही नहीं है। लाल पट्टी आने पर सैंपल पॉजिटिव और गुलाबी पट्टी आने पर सैंपल निगेटिव होगा।