आयकर चोरी के मामले में फंस गए 467 लोग, नोटिस जारी
आयकर विभाग ने वर्ष 2012-13 में किए गए कई करोड़ की कर चोरी का पकड़ा मामला पकड़ा है। अब ऐसे सभी लोगों को नोटिस जारी की गई है। रिकवरी की कवायद की जा रही है।
प्रयागराज : आयकर विभाग के इलाहाबाद प्रभार (चार्ज) में 467 लोग आयकर चोरी में फंस गए हैं। इन सभी ने कर निर्धारण वर्ष 2012-13 से आयकर नहीं जमा किया। विभाग ने हाल में करीब सात साल पुराने इन प्रकरणों को पकड़ा है। सभी के खिलाफ आयकर अधिनियम की धारा 148 के तहत नोटिस जारी किया गया है। नोटिस का जवाब न मिलने पर विभाग रिकवरी सर्वे के जरिए आयकर जमा कराने की कार्रवाई करेगा।
ज्वेलरी कारोबारी और डॉक्टर के यहां रिकवरी सर्वे हो चुका है
विभागीय अफसरों ने करीब 10 दिन तक बहुत छानबीन करने के बाद नियमित प्रक्रिया पूरी करके कर चोरी (अपवंचन) करने वालों को नोटिस जारी की है। विभाग ने कर चोरी करने वाले दो लोगों के यहां पिछले सप्ताह रिकवरी सर्वे किया है। इसमें एक ज्वेलरी कारोबारी और एक डॉक्टर शामिल थे। ज्वेलरी कारोबारी से 45 लाख रुपये जमा भी कराए गए थे। कर चोरी में फंसने वाले ज्यादातर बड़े लोग हैं। इन लोगों से कई करोड़ रुपये की कर चोरी सामने आने की उम्मीद है।
कर संग्रह और आयकर विवरणी दाखिल करने में हुई वृद्धि
इलाहाबाद प्रभार में वित्तीय वर्ष 2017-18 में कुल कर संग्रह 344.6 करोड़ रुपये हुआ था। जो वित्तीय वर्ष 2018-19 में करीब 345 करोड़ रुपये हो गया। अभी कर संग्रह बढऩे की उम्मीद है, क्योंकि बैंकों से जो रिपोर्ट विभाग को जाती है, उसे सत्यापित, समायोजित करने एवं फाइनल रिपोर्ट तैयार करने में तीन-चार दिन लग जाते हैं। ऐसे में मार्च तक संग्रह की वास्तविक स्थिति पांच से 10 अप्रैल के बीच आने की उम्मीद है। कुंभ के दौरान कार्य कराने वाले ठेकेदारों के करीब 600 करोड़ का भुगतान कमिश्नर द्वारा रोक दिए जाने से टीडीएस भी नहीं जमा हुआ। अन्यथा कर संग्रह की वृद्धि पिछले वित्तीय वर्ष 23.4 फीसद की तुलना में इस साल करीब 30 प्रतिशत हो जाता।
बोले मुख्य आयकर आयुक्त राजीव जैन
मुख्य आयकर आयुक्त राजीव जैन और प्रधान आयकर आयुक्त सुबचन राम के नेतृत्व में बहुत ही प्रभावशाली तरीके से सामान्य और रिकवरी सर्वे हुआ। लिहाजा, करदाताओं ने अग्रिम आयकर (एडवांस इनकम टैक्स) बहुत बढ़ाया। सोनभद्र और कौशांबी में कम आयकर विवरणी दाखिल होती थी, लेकिन इन क्षेत्रों में बहुत ज्यादा आयकर विवरणी दाखिल होने लगी है। पिछले वर्ष 303151 आयकर विवरणी दाखिल हुई, जो इस वर्ष बढ़कर 303131 हो गई।