नदी का किनारा, हवन का झोंका और Coronavirus की नो इंट्री, प्रतापगढ़ जिले के इस गांव में अब तक नहीं मिला है संक्रमित
विनोदानंद जोशी के पड़ोसी उदयराज जोशी भी ज्योतिषाचार्य हैैं। कहते हैैं कि गांव के मंदिर में हमेशा हवन चलता रहता है। यज्ञ से उठने वाले धुएं से तमाम तरह के वैक्टीरिया स्वत मरते रहते हैं। यह वैज्ञानिक तथ्य है लेकिन कुछ लोग मजाक उड़ाते हैं।
प्रयागराज, जेएनएन। यूपी में प्रतापगढ़ जिले के लक्ष्मणपुर विकासखंड में सई नदी किनारे आबाद बासूपुर ग्राम पंचायत में कोरोना वायरस हारता दिख रहा है। डेढ़ हजार आबादी वाले इस गांव में अभी तक कोई संक्रमित नहीं हुआ। यह मात्र संयोग नहीं है। इसके पीछे है गांव वालों का अनुशासन और पर्यावरण प्रेम। मंदिर में होने वाले हवन के धुएं से भी कोरोना वायरस के मरने की बात गांव वाले कहते हैैं। प्रकृति से प्यार को गांव वालों ने कोरोना से लड़ाई के लिए अपना हथियार बना लिया है। भ्रमण के दौरान गांव में ऐसे ही तथ्य सामने आए।
गांव के विनोदानंद जोशी पेशे से ज्योतिषाचार्य हैं। अहमदाबाद और सूरते जैसे शहरों में उनके शिष्य है। दूसरे प्रदेशों में आना-जाना लगा रहता है, मगर इन दिनों वह अपने घर से बाहर नहीं निकलते। जागरण से चर्चा में बोले, जान है तो जहान है। वह न खुद घर से बाहर निकल रहे हैं और न ही शिष्यों को बाहर निकलने की सलाह दे दिए हैं। उनका गांव कोरोना से कैसे मुक्त है, इस सवाल पर वह ईश्वर को धन्यवाद करते हुए कहते हैं, भौगोलिक दशा भी काफी हद तक आधार है। सई नदी का किनारा है, इसलिए हरियाली है। पेड़-पौधों की अधिकता के कारण आक्सीजन की प्रचुरता है। उनका दावा था कि हमारे यहां कम स्वस्थ व्यक्ति का भी आक्सीजन लेवल 94 से ऊपर ही रहता है। हम गांव वालों ने हमेशा पेड़ों को लगाने पर ध्यान दिया, उसी की वजह से पर्यावरण हमें सुरक्षा कवच प्रदान किए हुए है।
चौबीस घंटे चल रहा हवन, धुएं से मर रहे वैक्टीरिया
विनोदानंद जोशी के पड़ोसी उदयराज जोशी भी ज्योतिषाचार्य हैैं। कहते हैैं कि गांव के मंदिर में हमेशा हवन चलता रहता है। यज्ञ से उठने वाले धुएं से तमाम तरह के वैक्टीरिया स्वत: मरते रहते हैं। यह वैज्ञानिक तथ्य है, लेकिन कुछ लोग मजाक उड़ाते हैं। उनका तो यहां तक कहना था कि गांवों में सरकार चौबीस घंटे यज्ञ-हवन शुरू करा दे और देख ले कि कैसे कोरोना दुम दबाकर भागता है।
अनुशासन और लौंग-इलायची की चाय
विनोद पांडेय और लाल बहादुर यादव ने बताया कि गांव में हर कोई अनुशासित है। बिना मास्क के कोई घर से नहीं निकलता। घर में भी लोग छह फीट की दूरी बनाकर रहते हैं। टीवी पर हम यह सुनते हैैं कि भारत सरकार की गाइड लाइन क्या है। अन्य प्रदेशों में रहने वाले गांव के लोगों को आते ही सर्वप्रथम क्वारंटाइन कराते हैं। हम लोग स्वयं से अपने घरों को सैनिटाइज करते रहते हैं। दो समय चाय पीते हैं और जो चाय बनाई जाती है उसमें लौंग-इलायची भी डाली जाती है। सभी गर्म पानी का गरारा भी करते हैैं।
नगर पंचायत सीमा से आठ किमी दूरी
दो किमी क्षेत्रफल वाला बासूपुर गांव पंचायत लालगंज तहसील का हिस्सा है। यह लालगंज नगर पंचायत की सीमा से महज आठ किमी दूर है। नगर पंचायत क्षेत्र में कोरोना की पहली लहर में सात व दूसरी लहर में अब तक छह लोग जान गंवा चुके हैं। विकासखंड के अलग-अलग गांवों में अब तक 300 से अधिक संक्रमित मिल चुके हैं।