North Central Railway की बड़ी उपलब्धि, तीन माह में एनसीआर ने सौर ऊर्जा से बचाए 1.5 करोड़ रुपये
सौर ऊर्जा का एक हरित ऊर्जा भी स्रोत है। इसलिए यह एनसीआर का न केवल यह पर्यावरण संरक्षण के एक बड़े लक्ष्य की ओर एक कदम है बल्कि इससे राजस्व में भी पर्याप्त बचत हुई है। सौर ऊर्जा की प्रति यूनिट पारंपरिक ऊर्जा की लागत से सस्ती है।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। उत्तर मध्य रेलवे में सौर मिशन 2021-22 के तहत उठाए गए कई प्रयास के कारण सौर संयंत्रों की उत्पादकता में लगातार बढोतरी की हो रही है। एनसीआर ने इस वित्तीय वर्ष के पहले तीन माह में ही 37 लाख यूनिट सौर ऊर्जा का उत्पादन किया। बता दें कि पिछले वित्तीय वर्ष में एनसीआर ने एक करोड़ यूनिट सौर ऊर्जा का उत्पादन किया था।
एनसीआर का पर्यावरण संरक्षण का भी लक्ष्य
सौर ऊर्जा का एक हरित ऊर्जा भी स्रोत है। इसलिए यह एनसीआर का न केवल यह पर्यावरण संरक्षण के एक बड़े लक्ष्य की ओर एक कदम है, बल्कि इससे राजस्व में भी पर्याप्त बचत हुई है। सौर ऊर्जा की प्रति यूनिट लगभग पांच रुपये है। जबकि पारंपरिक ऊर्जा की लागत 7.7 रुपये प्रति यूनिट होती है।
प्रयागराज मंडल के 15 सौर संयंत्र भी ए श्रेणी में
प्रयागराज मंडल के 15 सौर संयंत्र, झांसी मंडल के नौ और आगरा मंडल के 10 संयंत्रों को अब ए श्रेणी यानी उच्च प्रदर्शन सौर संयंत्र के तहत रखा गया है। एनसीआर की कुल स्थापित क्षमता 11.03 मेगावाट है। इसमें से 120 कीलोवॉट पीक रेलवे द्वारा स्थापित किया गया है तथा शेष 10882.34 किलोवाट पीक क्षमता दो प्रमुख सौर ऊर्जा डेवलपरों द्वारा पीपीपी आधार पर स्थापित की गई है। जिन प्रमुख स्थानों पर रूफ टॉप सोलर प्लांट लगाए गए हैं, उनमें स्टेशन भवन, कार्यशालाएं, प्रशिक्षण विद्यालय, महाप्रबंधक कार्यालय और डीआरएम कार्यालय भवन शामिल हैं।
सौर ऊर्जा उत्पादन का एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य
एनसीआर ने 2021-22 के लिए 1.3 करोड़ यूनिट सौर ऊर्जा उत्पादन का एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है। इससे उपरोक्त 'सौर मिशन- उत्तर मध्य रेलवे' के तहत लगभग पांच करोड़ रुपये की बचत होगी। यह पिछले वर्ष की तुलना में एक करोड़ अधिक है।
एनसीआर के जीएम ने सौर ऊर्जा के प्रति प्रयास बढ़ाने को कहा
सौर ऊर्जा के प्रयोग के संवर्धन के लिए प्रयासरत प्रमुख मुख्य बिजली इंजीनियर सतीश कोठारी ने बताया कि सौर संयंत्रों के रखरखाव को अत्यधिक महत्व दिया जा रहा है। एनसीआर के जीएम वीके त्रिपाठी ने अपनी कुल गैर-कर्षण विद्युत ऊर्जा खपत में सौर ऊर्जा की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए योजनाबद्ध तरीके से विशेष प्रयास का आह्वान किया है।