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Kumbh mela 2019 : बोले प्रवासी भारतीय, वॉव, इट्स अमेजिंग...अदभुत और अविस्मरणीय

प्रवासी भारतीयों के लिए गुरुवार का दिन यादगार बन गया। भव्‍य स्‍वागत, खान-पान के साथ ही आवभगत में कोई कमी नहीं होने दी गई।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Thu, 24 Jan 2019 08:44 PM (IST)Updated: Fri, 25 Jan 2019 12:49 PM (IST)
Kumbh mela 2019 : बोले प्रवासी भारतीय, वॉव, इट्स अमेजिंग...अदभुत और अविस्मरणीय
Kumbh mela 2019 : बोले प्रवासी भारतीय, वॉव, इट्स अमेजिंग...अदभुत और अविस्मरणीय

विजय सक्सेना : कुंभ नगर : कुंभ में शाही अंदाज में स्वागत से प्रवासी भारतीय इस कदर अभिभूत नजर आए कि उनके मुंह से सिर्फ यही निकलता रहा, वॉव.. इट्स अमेजिंग। लंबे समय से अपने देश से दूर रहने के बाद भी हिंदी उनके दिल में बसी है सो कुंभ को अदभुत, अविस्मरणीय भी बताया।

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मंत्रियों ने अतिथियों का किया स्वागत

टेंट सिटी के अंदर मौजूद विदेश राज्यमंत्री वीके सिंह, स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह, पर्यटन मंत्री डॉ. रीता बहुगुणा जोशी और राकेश शुक्ला ने अतिथियों को अंगवस्त्र देकर गर्मजोशी से स्वागत किया। टेंट सिटी में स्वागत से अभिभूत सूरीनाम की ममता जनप्रीत के आंसू निकलने लगे। बोलीं, लंबे समय तक देश के बाहर रहने के बाद यहां आने पर इस तरह के स्वागत की कल्पना नहीं की थी। यहां पहुंचकर अपनों से मिलने पर अलग तरह की खुशी मिल रही है। यहां टेंट से तैयार पूरी कॉलोनी भी अतिथियों को अचंभित करती रही।

अपनी मिट्टी की सुगंध हमेशा खींचती है

अपनी मिट्टी से दूर रहते हुए इसकी सुगंध ही है जो प्रवासी भारतीयों को  हमेशा अपनी ओर खींचती है। दूर रहने पर यही कशिश है। अपने पुरखों से जाना-सुना कुंभ का बखान और फिर कुंभ का हिस्सा बनने का मौका मिलना, दरअसल एक ऐसे सपने का सच हो जाना भी है, जो अरसे से उनकी आंखों में बसता आया है। इस बार संगम तट पर होना अद्भुत तृप्ति के अहसास से भर जाना है।

यादगार बन गया गुरुवार का दिन

दुनिया के विभिन्न देशों से कुंभ में आए प्रवासी भारतीयों के लिए गुरुवार का दिन बेहद खास और यादगार रहा। बसों के काफिले में अरैल स्थित टेंट सिटी पहुंचे प्रवासी भारतीयों का यहां पलक, पांवड़े बिछाकर स्वागत किया गया। बसों से उतरकर प्रवासी भारतीय जैसे ही इंद्रप्रस्थम टेंट सिटी में दाखिल हुए मुख्य गेट के भीतर एक तरफ लाइन से बने मंच पर जुटे राजस्थान, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, केरल, तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, मध्य प्रदेश, असम, पुडुचेरी के कलाकारों ने उनका स्वागत लोकनृत्य और लोकगीतों के जरिए किया। स्वागत से अभिभूत कई प्रवासी भारतीय महिलाएं लोकनृत्य और लोकगीत के दौरान खुद भी थिरकने लगीं। लगा मानो बरसों बाद अपने घर में किसी समारोह में शामिल हो रही हैं।

बोले, ऐसे आतिथ्य सत्कार की नहीं की थी कल्पना

ग्वाटेमाला से आए रामकुमार स्वामी, मॉरीशस की प्रेमलता सतकर्णी अभिभूत दिखे। रामकुमार बोले, ऐसे आतिथ्य सत्कार की कल्पना भी नहीं की थी। कुंभ मेला को देखना, सपना सच होने जैसा है। प्रेमलता का कहना था कि इस अविस्मरणीय पल को पूरी जिंदगी भूल नहीं पाएंगे। कुछ प्रवासी भारतीय वैदिक टेंट सिटी भी गए।

सेल्फी लेने को आतुर रहे मेहमान

इंद्रप्रस्थम टेंट सिटी में सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाले कलाकारों के साथ सेल्फी लेने के प्रति भी प्रवासी भारतीय आतुर नजर आए। बस से उतरने के बाद ज्यादातर मेहमान लोक कलाकारों के बीच पहुंचकर सेल्फी लेने लगे। यह सब करीब एक घंटे तक चला। जैसे-जैसे बसें इंद्रप्रस्थम टेंट सिटी पहुंचती, मेहमान उतरने के बाद सबसे पहले कलाकारों के साथ सेल्फी लेते। काफी मेहमानों ने कैमरों में भी यादगार लम्हे को कैद किया।

परोसे गए लजीज व्यंजन

प्रवासी भारतीयों को लजीज व्यंजन परोसे गए। साउथ इंडियन, चाइनीज, पंजाबी, राजस्थानी व्यंजन तैयार किए गए थे। तरह-तरह की चाट, पानीपूरी, बनारसी एवं हैदराबादी पुलाव, अजमेरी कचौड़ी, मटर-कुल्छा, छोला-पालक, डोसा, दही बड़े आदि का मेहमानों ने जमकर लुत्फ उठाया। गुलाब जामुन, रसमलाई, बूंदी का हलवा, रसगुल्ला, जलेबी, रबड़ी, खीर आदि भी मेहमानों को खूब पसंद आई।

उपहार में दिए कॉफी मग

इंद्रप्रस्थम टेंट सिटी से विदाई के दौरान प्रवासी मेहमानों को कॉफी मग भेंट किए गए। लंच के बाद मेहमानों ने टेंट सिटी से बाहर निकलना शुरू किया तो मुख्य गेट के पास ही उन्हें आकर्षक पैकिंग में कॉफी मग दिए गए। मेहमान उपहार पाकर बेहद खुश नजर आए।


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