नोबल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी सपत्नीक प्रयागराज पहुंचे, हुआ स्वागत Prayagraj News
इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय में शिक्षक दिवस पर गुरुवार को होने वाले दीक्षा समारोह के मुख्य अतिथि नोबल विजेता कैलाश सत्यार्थी होंगे। वह बुधवार को प्रयागराज पहुंच चुके हैं।
प्रयागराज, जेएनएन। नोबल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी प्रयागराज आए हैं। वह सपत्नीक बुधवार की सुबह प्रयागराज एक्सप्रेस ट्रेन से प्रयागराज पहुंचे।
एनसीजेडसीसी में नागरिक अभिनंदन किया गया
नागरिक मंच की ओर से शाम को नोबल शांति पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी का एनसीजेडसीसी में नागरिक अभिनंदन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल पं. केशरीनाथ त्रिपाठी करेंगे। इस कार्यक्रम में इलाहाबाद की सांसद प्रो.रीता बहुगुणा जोशी, फूलपुर सांसद केशरी देवी पटेल, विधायक हर्षवर्द्धन समेत अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
पूर्व राज्यपाल न्यायमूर्ति अंशुमान सिंह के आवास पहुंचे कैलाश सत्यार्थी
नोबेल पुरस्कार से सम्मानित होने वाले कैलाश सत्यार्थी धर्मपत्नी के साथ दिल्ली से चलकर प्रयागराज बुधवार की सुबह पहुंचे। इलाहाबाद जंक्शन पर उनका इलाहाबाद विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी डॉ. चित्तरंजन ने भव्य स्वागत किया। वहां से वह एक होटल पहुंचे। इसके बाद कैलाश सत्याथी राजस्थान और गुजरात के पूर्व राज्यपाल न्यायमूर्ति अंशुमान सिंह के आवास पहुंचे। उन्होंने मुलाकात की और पुस्तक भेंट की। न्यायमूर्ति अंशुमान सिंह की धर्मपत्नी का हाल-चाल भी लिया। यहां इविवि के जनसंपर्क अधिकारी डॉ. चित्तरंजन, अंग्रेजी विभाग के प्रो. आरके सिंह आदि अन्य विशिष्टजन मौजूद रहे। इसके बाद कैलाश सत्याथी नैनी स्थित यूनाइटेड कॉलेज फिर एनसीजेडसीसी जाएंगे। बुधवार की रात वह सर्किट हाउस में विश्राम करेंगे।
इविवि में दीक्षा समारोह के मुख्य अतिथि होंगे कैलाश सत्यार्थी
इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय (इविवि) में 23 वर्ष बाद शिक्षक दिवस पर गुरुवार को दीक्षा समारोह का आयोजन होगा। समारोह के मुख्य अतिथि नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी होंगे। दीक्षा समारोह में पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल पंडित केशरीनाथ त्रिपाठी और डीजीपी ओपी सिंह को मानद उपाधि दी जाएगी। इसके अलावा छह मेधावियों को चांसलर मेडल से सम्मानित किया जाएगा।
नोबेल पुरस्कार विजेता की यह है उपलब्धि
ज्ञात हो कि कैलाश सत्यार्थी ने बाल संरक्षण में अपने अब तक के जीवन का अधिकांश समय व्यतीत किया है। विपरीत परिस्थितियों में भी पूरी निडरता से अपना काम करते रहे हैं। इनके प्रयास से हजारों बच्चों को बंधुवा मजदूरी से मुक्ति मिली। बचपन बचाओ आंदोलन चलाकर कैलाश सत्यार्थी ने विश्व में बच्चों के प्रति संवेदनशीलता की अलख जगाई।
शंकरगढ़ में उप्र-मप्र सीमा पर कैलाश सत्यार्थी खोलेंगे बाल आश्रम
शांति के लिए नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने दैनिक जागरण से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने कहा कि राजस्थान की तर्ज पर उत्तर प्रदेश-मध्य प्रदेश की सीमा पर प्रयागराज के शंकरगढ़ इलाके में बाल आश्रम खोलेंगे। इसके लिए उन्हें पूर्व राज्यपाल जस्टिस अंशुमान सिंह अपनी जमीन निश्शुल्क देंगे। बाल आश्रम में बुंदेलखंड के कई जिलों, प्रयागराज, मीरजापुर, सोनभद्र तक के बच्चे रखे जा सकेंगे।