35 फीसद से कम काम पर रनिंग भुगतान नहीं
इलाहाबाद : कुंभ मेले के मद्देनजर सड़क, नाले-नालियों, अमृत योजना में पार्को आदि के काम निगम के जनकार्य विभाग द्वारा कराए जा रहे हैं। लेकिन इन कामों के लिए ठेकेदारों को किए जा रहे रनिंग भुगतान (चालू देय) में नियमों की अनदेखी की जा रही है। ठेकेदारों को 15-20 फीसद काम होने पर ही रनिंग भुगतान किए जा रहे हैं। एक पार्क और सड़कों के कुछ कामों के भुगतान संबंधी फाइलें पिछले दिनों मुख्य नगर लेखा परीक्षक जंग बहादुर यादव के पास आई तो उन्होंने इस पर आपत्ति जताई। अमृत योजना में न्यूनतम 35 प्रतिशत कार्य होने पर रनिंग भुगतान के प्रावधान का हवाला देते हुए इससे कम काम होने पर भुगतान न करने की सलाह दी।
इलाहाबाद : कुंभ मेले के मद्देनजर शहर में कराए जा रहे कामों के नियम विरुद्ध भुगतान को लेकर नगर निगम के मुख्य नगर लेखा परीक्षक ने आपत्ति की हैं। उन्होंने नगर आयुक्त को पत्र लिखकर 35 फीसद से कम काम होने पर रनिंग भुगतान न होने की बात कहीं हैं। इससे जनकार्य विभाग के अधिकारियों में खलबली मची है।
कुंभ मेले के मद्देनजर सड़क, नाले-नालियों, अमृत योजना में पार्को आदि के काम निगम के जनकार्य विभाग द्वारा कराए जा रहे हैं। लेकिन इन कामों के लिए ठेकेदारों को किए जा रहे रनिंग भुगतान (चालू देय) में नियमों की अनदेखी की जा रही है। ठेकेदारों को 15-20 फीसद काम होने पर ही रनिंग भुगतान किए जा रहे हैं। एक पार्क और सड़कों के कुछ कामों के भुगतान संबंधी फाइलें पिछले दिनों मुख्य नगर लेखा परीक्षक जंग बहादुर यादव के पास आई तो उन्होंने इस पर आपत्ति जताई। अमृत योजना में न्यूनतम 35 प्रतिशत कार्य होने पर रनिंग भुगतान के प्रावधान का हवाला देते हुए इससे कम काम होने पर भुगतान न करने की सलाह दी। उन्होंने समयबद्ध कार्य न होने पर भी टिप्पणी की हैं। कहा गया है कि वर्कआर्डर में काम शुरू और खत्म होने का समय तय होता है, फिर भी उन शर्तो का अनुपालन प्राय: नहीं किया जा रहा है। तय समय के पूरा होने के बाद समयावधि को बढ़ाया जाना और उसका कोई तर्क पूर्ण कारण पेश न करना उचित नहीं है। इस संबंध में नगर आयुक्त अविनाश सिंह ने कहा कि 15-20 फीसद तक काम होने पर रनिंग भुगतान किया जा सकता है। कई ठेकेदार कमजोर होते हैं, इसलिए ऐसी व्यवस्था है। कुंभ के काम तक प्री ऑडिट व्यवस्था रोकी गई है,क्योंकि कामों की थर्ड पार्टी जांच होनी है।
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आपत्ति से काम प्रभावित होने की उम्मीद
इस आपत्ति से मेले का काम प्रभावित होने की उम्मीद है। कई ऐसे ठेकेदारों को काम मिलने की बात कही जा रही है, जो थोड़े से काम कराने के बाद रनिंग भुगतान न होने की दशा में बीच में रुक सकते हैं।