इंटरलॉकिंग और खड़ंजे के नाम पर अब ग्राम पंचायतों में नहीं होगा भुगतान Prayagraj News
इस बार शासन ने निर्णय लिया है कि ग्राम पंचायतों में चल रहे पंचायत भवन व सामुदायिक शौचालय के निर्माण में ही बजट खर्च करने को प्राथमिकता दी जाए।
प्रयागराज, जेएनएन। अब ग्राम पंचायतों में इंटरलॉकिंग व खडंज़े के नाम पर भुगतान नहीं होगा। शासन के निर्देश को अमल करते हुए इस पर रोक लगा दी गई है। शासन की मंशा है कि पंचायत भवन, सामुदायिक शौचालय आदि कार्यों पर ही भुगतान को वरीयता दी जाए। बजट कम होने से यह निर्णय लिया गया है। काम पूरा होने के बाद जो बजट बचेगा, उसमें खड़ंजा व इंटरलॉकिंग के नाम पर भुगतान होगा। शासन के इस निर्णय से प्रधानों, सचिवों आदि में मायूसी है।
शासन के निर्देश पर लगी रोक
पडोसी जनपद प्रतापगढ़ में 17 ब्लाक हैं। इसमें सदर, गौरा, शिवगढ़, मंगरौरा, आसपुर देवसरा, मानधाता सहित अन्य ब्लाक शामिल हैं। ग्राम पंचायतों में मनरेगा के मद से इंटरलॉकिंग व खड़ंजे का निर्माण होता है। इसमें 60 प्रतिशत कच्चा काम कराने पर 40 प्रतिशत पक्का काम कराने का बजट ब्लाक से मिलता है। कई बार तो ऐसा भी देखने को मिला है जो कच्चे कार्य (चकरोड, तालाब की खोदाई, भूमि का समतलीकरण ) आदि पुराने हुए थे, उसे नया दिखाकर पैसे का भुगतान करा लिया जाता है। कुंडा क्षेत्र में इसी तरह की गड़बड़ी मिलने पर हुई कार्रवाई इसका नजीर है। इसमें प्रधान व सचिव की मिलीभगत से बड़ा खेल भी होता है। ब्लाक के बीडीओ की भी इसमें भूमिका होती है।
पंचायत भवन व सामुदायिक शौचालय निर्माण पर बजट खर्च करने को प्राथमिकता
इस बार शासन ने निर्णय लिया है कि ग्राम पंचायतों में चल रहे पंचायत भवन व सामुदायिक शौचालय के निर्माण में ही बजट खर्च करने को प्राथमिकता दी जाए। यह कार्य कराने के बाद जो पैसा बचेगा, उसके बाद खडंज़ा व इंटरलॉकिंग में खर्च किया जाए। डीसी मनरेगा अजय कुमार पांडेय ने बताया कि इंटरलाकिंग व खड़ंजे के नाम पर जो भुगतान होता था, उस पर रोक लगा दी गई है। पहली प्राथमिकता सामुदायिक शौचालय व अन्य विकास कार्यों पर दी जा जाएगी।