Move to Jagran APP

पखारे थे पीएम नरेंद्र मोदी ने Prayagraj में जिन स्वच्छाग्रहियों के पैर, उनकी नहीं लेता अब कोई भी खैर

देश दुनिया में भव्य और दिव्य कुंभ की आभा उसकी स्वच्छता से भी फैली थी। उनके कार्यों और स्वच्छता के प्रति देशवासियों को प्रेरित करने के लिए 24 फरवरी 2019 को प्रधानमंत्री ने संगमनगरी प्रवास के दौरान पांच स्वच्छाग्रहियों के पांव पखारे थे। इनमें बांदा जिले के प्यारेलाल भी थे।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Mon, 08 Feb 2021 07:00 AM (IST)Updated: Mon, 08 Feb 2021 07:00 AM (IST)
पखारे थे पीएम नरेंद्र मोदी ने  Prayagraj में जिन स्वच्छाग्रहियों के पैर, उनकी नहीं लेता अब कोई भी खैर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुंभ 2019 के दौरान संगम तट पर जिन स्वच्छाग्रहियों (सफाई कर्मियों) के पैर धोए थे

प्रयागराज, जेएनएन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुंभ 2019 के दौरान संगम तट पर जिन स्वच्छाग्रहियों (सफाई कर्मियों) के पैर धोए थे, वह कई जरूरी सरकारी सुविधाओं के भी मोहताज हैैं। हाल यह है कि किसी का आयुष्मान कार्ड तक नहीं बना है कि बीमारी की स्थिति में उनका इलाज आसानी से हो सके। इतना जरूर है कि मेले में सफाई कर्मी के तौर पर तीन सौ रुपये दिहाड़ी वाली नौकरी बनी हुई है।

loksabha election banner

पांचों को आयुष्मान कार्ड सहित कोई और सुविधा नहीं

देश दुनिया में भव्य और दिव्य कुंभ की आभा उसकी स्वच्छता से भी फैली थी। उनके कार्यों और स्वच्छता के प्रति देशवासियों को प्रेरित करने के लिए 24 फरवरी 2019 को प्रधानमंत्री ने संगमनगरी प्रवास के दौरान पांच स्वच्छाग्रहियों के पांव पखारे थे। इनमें बांदा जिले में बबेरु के मूल निवासी प्यारेलाल भी थे। उनको लगा था कि  पीएम मोदी से इस मुलाकात के बाद उनका जीवन आसान हो जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। कुछ दिन पहले उनको फ्रेस्टुला हो गया। पैसे का संकट था तो जैसे तैसे किसी तरह रिश्तेदारों से आर्थिक मदद ली और निजी अस्पताल में भर्ती होकर आपरेशन करवाया। उनका अब तक आयुष्मान कार्ड नहीं बना है, इसलिए सरकारी मदद नहीं मिली। तीन बेटे और तीन बेटियां हैं। परेड मैदान में झुग्गी झोपड़ी बनाकर रहते हैं और वह भी सफाई का काम कर रहे हैं।


न आवास मिला और न राशन कार्ड का लाभ

प्यारेलाल बताते हैैं कि प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिला न शौचालय का। यहां तक कि राशन कार्ड भी नहीं है। वह जहां रहते हैं, वहां शौचालय तक नहीं है, इसलिए सब खुले में शौच के लिए जाते हैं। अभी माघ मेला चल रहा है इसलिए उनकी झोपड़ी के पास मोबाइल शौचालय है और उसका इस्तेमाल किया जा रहा है। प्यारेलाल के अलावा प्रधानमंत्री ने बांदा के नारायणपुर निवासी नरेश, बांदा के ही कायल निवासी ज्योति, मझिला निवासी चौबी और झांसी निवासी होरी लाल के पांव पखारे थे। यह सभी अभी भी मेला प्रशासन के अधीन बतौर दिहाड़ी सफाईकर्मी काम कर रहे हैं।  

'जिन स्वछाग्रहियों का पैर प्रधानमंत्री ने धोया था, सभी मेला क्षेत्र में सफाई का काम कर रहे हैं। उन लोगों को कोई सुविधा नहीं मिली है, इसकी जानकारी मुझे नहीं है। जांच करवाकर उनको उचित सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी।

विवेक चतुर्वेदी, प्रभारी मेला अधिकारी


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.