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कौशांबी के गांवोंं मेंं बिजली नहीं पहुंची और इस गड़बड़ी की जांंच भी नहींं हो सकी पूरी

सरकार ने वर्ष 2017 में पंडित दीन दयाल ग्राम ज्योति योजना से जिले के 1719 मजरों का विद्युतीकरण कराने के लिए सरकार ने मंजूरी दी थी। ठेका मिलने के बाद कंपनी ने कार्य शुरू किया। ग्रामीणों की माने तो ठेकेदार ने स्थानीय लोगों को टुकड़ों में काम बांट दिया था।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Thu, 19 Nov 2020 03:51 PM (IST)Updated: Thu, 19 Nov 2020 03:51 PM (IST)
कौशांबी के गांवोंं मेंं बिजली नहीं पहुंची और इस गड़बड़ी की जांंच भी नहींं हो सकी पूरी
जनपद के 28 मजरों में अब तक बिजली नहीं पहुंच सकी।

प्रयागराज, जेएनएन। कौशांबी जनपद में पंडित दीन दयाल ग्राम ज्योति योजना तहत सरकार ने सभी ग्राम पंचायतों व उनके मजरों में बिजली पहुंचाने का निर्देश दिया था। जनपद के 28 मजरों में अब तक बिजली नहीं पहुंच सकी। समीक्षा बैठक में इसका खुलासा होने के बाद सांसद ने दीन दयाल ग्राम ज्योति योजना के तहत कराए गए कार्यों की जांच के लिए मजिस्ट्रेट की टीम गठित करने का निर्देश दिया थे। इसके आधार पर तत्कालीन डीएम ने सभी तहसीलों में कराए गए कार्यों की जांच के लिए चार माह पूर्व टीम गठित किया था लेकिन अब तक जांच पूरी नहीं हुई है।

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खंभे लगाने में भी की गई गड़बड़ी

सरकार ने वर्ष 2017 में पंडित दीन दयाल ग्राम ज्योति योजना से जिले के 1719 मजरों का विद्युतीकरण कराने के लिए सरकार ने मंजूरी दी थी। ठेका मिलने के बाद कंपनी ने कार्य शुरू किया। ग्रामीणों की माने तो ठेकेदार ने स्थानीय लोगों को टुकड़ों में काम बांट दिया था। जिसके चलते काम की गुणवत्ता प्रभावित हो गई। मंझनपुर तहसील के पाता, महुआ खाडा, तन्नापर, कोर्रो, टेनशाह आलमा बाद आदि गांव में कंपनी की ओर से जो काम कराया गया। उसकी गुणवत्ता खराब है। गांव में विद्युत पोलों को खड़े करने के लिए उनको कंकरीट से भरा जाना था। ऐसा नहीं किया गया। केवल खाना पूर्ति ही की गई। इसी प्रकार लाइन खींचने के दौरान क्राङ्क्षसग में लोहे के लंबे पोल लगाने के स्थान पर हाईट लगाकर काम किया गया। उसकी गुणवत्ता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि तारों के खिचाव के चलते लगने के बाद भी कई पोल की लाइन टूट गई। अभी 28 मजरों का काम शेष है।

शिकायत तत्कालीन डीएम मनीष कुमार ने सौभाग्य व दीन दयाल ग्राम ज्योति योजना के तहत कराए गए कार्यों की जांच के लिए मजिस्ट्रेट टीम गठित गठित किया था।, एसडीएम राजेश कुमार श्रीवास्तव, राजेश चंद्रा व चायल एसडीएम ज्योति मौर्या ने प्रकरण की जांच किया तो कुछ गांवों को विद्युतीकरण अधूरा मिला, जिसमें अलवारा, रूपनारायणपुर गोरियों, बरौलहा व चतुरीपुर शामिल हैं। हालाकि अधिकारियों ने अब तक इसकी रिपोर्ट जिलाधिकारी को नहीं सौंपी है।


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