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प्रयागराज जिला पंचायत : अध्यक्ष पद को लेकर रस्‍साकसी खत्‍म, नहीं होगा अविश्‍वास प्रस्ताव, रेखा ही रहेंगी अध्‍यक्ष

फूलपुर सांसद केसरी देवी पटेल का कहना है कि हमारा अब कोई विवाद नहीं है और शीर्ष नेताओं के निर्देशों का हमने पालन किया है। हम साथ-साथ हैं।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Wed, 12 Aug 2020 03:00 AM (IST)Updated: Wed, 12 Aug 2020 09:00 AM (IST)
प्रयागराज जिला पंचायत : अध्यक्ष पद को लेकर रस्‍साकसी खत्‍म, नहीं होगा अविश्‍वास प्रस्ताव, रेखा ही रहेंगी अध्‍यक्ष
प्रयागराज जिला पंचायत : अध्यक्ष पद को लेकर रस्‍साकसी खत्‍म, नहीं होगा अविश्‍वास प्रस्ताव, रेखा ही रहेंगी अध्‍यक्ष

प्रयागराज, जेएनएन। जिला पंचायत में अध्यक्ष पद को लेकर जारी रस्साकशी खत्म हो गई है। रेखा सिंह की अध्यक्षी बरकरार रहेगी। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या की पहल पर दोनों पक्ष मान गए हैैं। मंगलवार को समझौते की विधिवत घोषणा की गई। इलाहाबाद की सांसद डा. रीता बहुगुणा जोशी की उपस्थिति में दोनों पक्षों ने एक दूसरे के सहयोग का भरोसा दिलाया और अविश्वास प्रस्ताव न लाने पर सहमति जताई। हालांकि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार 13 अगस्त को अपर जनपद न्यायाधीश बद्री विशाल पांडेय की निगरानी में पुनर्मतदान के लिए जिला पंचायत सभागार में बैठक होगी, पर इसमें सदस्य नहीं आएंगे। यदि आते भी हैैं तो अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जाएगा।

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रेखा सिंह के खिलाफ केशरी देवी अवश्विास प्रस्‍ताव लाई थीं

जनवरी 2016 में हुए जिला पंचायत चुनाव में रेखा सिंह अध्यक्ष बनी थीं। तब वह सपा में थीं, उनके खिलाफ केसरी देवी अविश्वास प्रस्ताव लाई थीं, लेकिन तब वह फूलपुर से सांसद नहीं थी। यह अविश्वास प्रस्ताव पारित भी हो गया, पर धांधली का आरोप लगाते हुए रेखा सिंह हाईकोर्ट चली गईं। हाईकोर्ट ने रेखा सिंह को बहाल कर दिया तो केसरी देवी सुप्रीम कोर्ट में गईं। सुप्रीम कोर्ट से पुनर्मतदान का निर्देश हुआ। इसके अनुपालन में 13 अगस्त को बैठक बुलाई है।

दोनों पक्षों ने बड़े नेताओं का दामन थामा

प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद रेखा सिंह भी भाजपा में शामिल हो गई थीं। दोनों पक्षों ने बड़े नेताओं का दामन थाम लिया था। यदि पुनर्मतदान होता तो इससे गुटबाजी जाहिर होती। ऐसे में उपमुख्यमंत्री केशव मौर्य ने दखल दी।  सोमवार को प्रयागराज सर्किट हाउस में दोनों पक्षों को साथ रहने की सीख दे। इशारों-इशारों में यह भी कह गए कि दोनों को आगे भी राजनीति करनी है।

खत्म हुई सालों की अदावत

समझौते से जिला पंचायत के दो गुटों में सालों पुरानी अदावत खत्म हो गई है। केसरी देवी और रेखा सिंह के बीच 15 साल से सियासी अदावत चली। 2001 से 2006 तक केसरी देवी जिला पंचायत अध्यक्ष रहीं। जनवरी 2006 में रेखा सिंह अध्यक्ष बनीं लेकिन दिसंबर 2007 में केसरी देवी ने अविश्वास प्रस्ताव लाकर उनकी कुर्सी छीन ली। दिसंबर 2007 से 2012 तक केसरी देवी अध्यक्ष रहीं। उनके खिलाफ नवंबर 2012 में रेखा सिंह अविश्वास प्रस्ताव लाई और वह पारित हो गया। फिर 2013 से 2016 तक रेखा सिंह अध्यक्ष रही। इसके बाद जनवरी 2016 में हुए चुनाव में वह दोबारा अध्यक्ष बनीं।

क्या है अविश्‍वास प्रस्‍ताव की प्रक्रिया

नियमानुसार बैठक के लिए आधे से अधिक सदस्यों की मौजूदगी जरूरी है। सदस्य, अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास व्यक्त करते हैं तो मतदान कराया जाता है। पक्ष में अगर आधे से अधिक वोट पड़ते हैं तो अविश्वास प्रस्ताव पारित हो जाता है। अब दोनों पक्षों के बीच समझौता हो गया है, इसलिए सदस्य बैठक में नहीं जाएंगे। गए भी तो अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाएंगे।

हम साथ- साथ हैं

फूलपुर की सांसद केसरी देवी पटेल का कहना है कि हमारा अब कोई विवाद नहीं है और शीर्ष नेताओं के निर्देशों का हमने पालन किया है। हम साथ-साथ हैं। अध्यक्ष जिला पंचायत रेखा सिंह का कहना है कि हम दोनों एक ही पार्टी में है और आज से आपसी मतभेद मिटाकर विकास के लिए साथ साथ काम करेंगे।


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