New Yamuna Bridge: फिर सुसाइड प्वाइंट बन रहा है प्रयागराज का यह पुल, पूर्व विधायक ने की थी यह मांग
New Yamuna Bridge पूर्व में पुल से कूदकर जान देने वालों की संख्या बढ़ी तो तत्कालीन कांग्रेस के विधायक अनुग्रह नारायण सिंह ने पुल के दोनों तरफ जाली लगाने की मांग उठाई। संबंधित विभागों और प्रशासनिक अधिकारियों को पत्र भी लिखा गया लेकिन सुरक्षा का उपाय नहीं किया गया।
प्रयागराज, जेएनएन। नया यमुना पुल एक बार फिर सुसाइड प्वाइंट बन रहा है। पहले यहां पहुंचने वाले लोग अविरल गंगा-यमुना और प्राकृतिक सौंदर्य को निहारते थे। फिर धीरे-धीरे इस स्थान ने सेल्फी की जगह ले ली। शाम होते ही तमाम युवक और युवतियां पहुंच जाती फिर मोबाइल के कैमरे में तस्वीर कैद करतीं। यह सिलसिला अभी भी जारी है, लेकिन गुरुवार को पुल से यमुना में कूदकर जान देने और आत्महत्या की कोशिश की कई घटनाओं ने हर किसी को झकझोर दिया।
पहले एक युवक ने यमुना में कूदकर जान दी और फिर उसके बाद मां-बेटी ने पुल से छलांग लगाई। मां अस्पताल में भर्ती है और बेटी लापता है। चचेरी बहनें भी आत्महत्या के इरादे से वहां पहुंची थीं, लेकिन गनीमत रही कि पुलिस की सक्रियता ने उन्हें आत्मघाती कदम उठाने से पहले ही पकड़ लिया। करीब तीन साल पहले भी कई दिनों तक पुल से कूदकर जान देंने की घटना हुई थी। इसके बाद यहां जाली लगाने की मांग उठी, लेकिन तकनीकी कारणों से उस पर काम नहीं हो सका। जानकार बताते हैं कि पुल के निर्माण लेकर अब तक सैकड़ों लोगों ने यमुना में कूदकर जान गंवाई है। वहीं तमाम महिलाओं और पुरुषों को जिंदा बचाकर सुरक्षित घर भेज दिया गया।
पूर्व विधायक ने उठाई थी आवाज
कुछ साल पहले पुल से कूदकर जान देने वालों की संख्या बढ़ी तो तत्कालीन कांग्रेस के विधायक अनुग्रह नारायण सिंह ने पुल के दोनों तरफ जाली लगाने की मांग उठाई। इसके लिए संबंधित विभागों और प्रशासनिक अधिकारियों को पत्र भी लिखा गया, लेकिन सुरक्षा के लिए कोई उपाय नहीं किया गया।
सबसे ज्यादा नए पुल पर घटना
शहर को जोडऩे के लिए झूंसी की तरफ शास्त्री पुल, फाफामऊ की ओर चंद्रशेखर आजाद पुल और नैनी की तरफ नया यमुना पुल है। मगर इन तीनों में सबसे ज्यादा आत्महत्या करने की घटना नए पुल पर होती है। यहां होमगार्ड भी ड्यूटी लगाई जाती है, लेकिन लंबाई अधिक होने के कारण नजर नहीं रख पाते हैं।