प्रयागराज में अब बिजली का नया कनेक्शन लेना नहीं होगा आसान, इन शर्तों को करना होगा पूरा
अब किसी को पुराना कनेक्शन कटवाने के बाद नए कनेक्शन के लिए आवेदन पत्र के साथ हलफनामा भी देना होगा। इसमें यह लिखना होगा कि किन वजहों से पुराना कनेक्शन कटवाया जा रहा है। इसकी विभागीय अधिकारी अपने स्तर से पड़ताल करेंगे।
प्रयागराज, जेएनएन। स्मार्ट मीटर लगने की वजह से अधिक आ रहे बिजली के बिल और तमाम कोशिश के बाद भी इसका बदला न जाने से लोग अपना पुराना कनेक्शन कटवा रहे हैं। घर के किसी सदस्य के नाम से दूसरा कनेक्शन लिया जा रहा है। इसके लिए बड़ी संख्या में आवेदन भी अाए और नए कनेक्शन के लिए मंजूरी भी मिल गई। शुरुआत में बिजली विभाग के अधिकारी यह मामला समझ नहीं सके, लेकिन जब समझे तो कड़ाई कर दी।
पुराना कनेक्शन कटवाने की बतानी पड़ेगी वजह
अब किसी को पुराना कनेक्शन कटवाने के बाद नए कनेक्शन के लिए आवेदन पत्र के साथ हलफनामा भी देना होगा। इसमें यह लिखना होगा कि किन वजहों से पुराना कनेक्शन कटवाया जा रहा है। इसकी विभागीय अधिकारी अपने स्तर से पड़ताल करेंगे। अगर हलफनामा में कहीं गईं बातें सही साबित हुईं तब ही नए कनेक्शन के लिए दिए गए आवेदन को स्वीकार किया जाना, अन्यथा इसे रद कर दिया जाएगा। संबंधित उपभोक्ता से यह भी कहा जाएगा कि अगर उनका पुराना कनेक्शन कटा तो नया कनेक्शन नहीं मिलेगा।
अधिक बिजली का बिल भरने से आजिज आ चुके हैं लोग
स्मार्ट मीटर के अधिकांश उपभोक्ता पिछले कई माह से अधिक बिजली का बिल भरते-भरते आजिज आ चुके हैं। शायद ही ऐसा कोई उपभोक्ता हाे जो इस समस्या से परेशान न हो। ज्यादातर ने शिकायतें भी की हैं, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो सका है। हां, इतना जरूर है कि बिजली विभाग के अधिकारी शिकायतकर्ताओं से प्रार्थना पत्र लेकर उनके यहां चेकिंग मीटर जरूर लगवा देते हैं, ताकि यह पता चल सके कि पहले लगाया गया मीटर ठीक है या नहीं। नतीजा यह होता है कि चेकिंग मीटर लगने के बाद उपभोक्ता खुद बिजली की खपत कम करते हैं और बिजली का बिल मामूली तौर पर घट जाता है। बस, इसके बाद अधिकारी उपभोक्ता से कहते हैं कि मीटर ठीक है। आप ही बिजली की खपत कम करें।
अर्थिंग तो कहीं टच नहीं कर रहा है
बिजली विभाग के अधिकारी स्मार्ट मीटर वाले उपभोक्ताओं से एक और बात कहते हैं। वह कहते हैं कि आप अपने घर में यह देख लें कि कहीं अर्थिंग तो टच नहीं कर रहा है। कोई खुला हुआ तार अर्थ तो नहीं पा रहा है। ऐसा होने से स्मार्ट मीटर तेजी से चलते हैं। आश्चर्य की बात यह है कि इतनी बड़ी संख्या में स्मार्ट मीटर के उपभोक्ता हैं और अगर सभी के यहीं दिक्कत है तो वाकई चिंताजनक है। हालांकि, उपभोक्ताओं का कहना है कि विभागीय अधिकारी अपना पिंड छुड़ाने के लिए यह बहानेबाजी करते हैं।