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नई शिक्षा नीति उच्च शिक्षा को देशी-विदेशी पूंजी के हवाले करने का षड्यंत्र बताया Prayagraj News

डॉ. नीता चौबे ने कहा कि पूरे देश में घटते लोकतांत्रिक स्पेस के तहत ही विश्वविद्यालयों में भी छात्रसंघ जैसे मंचों को समाप्त किया जा रहा है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Fri, 22 Nov 2019 01:40 PM (IST)Updated: Fri, 22 Nov 2019 05:30 PM (IST)
नई शिक्षा नीति उच्च शिक्षा को देशी-विदेशी पूंजी के हवाले करने का षड्यंत्र बताया Prayagraj News
नई शिक्षा नीति उच्च शिक्षा को देशी-विदेशी पूंजी के हवाले करने का षड्यंत्र बताया Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्रसंघ भवन पर 'नई शिक्षा नीति और शैक्षिक परिसरों में घटता जनवाद' विषयक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी में तीन-दिवसीय दौरे पर आए अखिल भारत शिक्षा अधिकार मंच के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के 10 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल एवं इलाहाबाद विश्वविद्यालय के विभिन्न छात्र संगठनों आइसा, दिशा छात्र संगठन, इंकलाबी छात्र मोर्चा, एसएफआइ, भारतीय विद्यार्थी मोर्चा आदि ने भागीदारी की।

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विश्वविद्यालयों में भी छात्रसंघ जैसे मंचों को समाप्त किया जा रहा : लोकेश

अखिल भारत शिक्षा अधिकार मंच का परिचय देते हुए राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य लोकेश मालती प्रकाश ने कहा कि अखिल भारत शिक्षा अधिकार मंच देश में प्राथमिक से लेकर उच्च स्तर तक की पूरी शिक्षा को समतामूलक और मुफ्त करने के लिए संघर्षरत जन संगठनों, छात्र संगठनों, शिक्षाविदों, सामाजिक कार्यकर्ताओं का एक मंच है। डॉ. नीता चौबे ने कहा कि पूरे देश में घटते लोकतांत्रिक स्पेस के तहत ही विश्वविद्यालयों में भी छात्रसंघ जैसे मंचों को समाप्त किया जा रहा है।

देशी-विदेशी पूंजी के हवाले करने का षड्यंत्र : प्रो. मृत्युंजय

प्रो. मृत्युंजय ने कहा नई शिक्षा नीति उच्च शिक्षा को देशी-विदेशी पूंजी के हवाले करने का षड्यंत्र है। इससे शिक्षा आम घरों से आने वाले युवाओं की पहुंच से दूर हो जाएगी। शिक्षा को बाजार के हवाले करके उससे मुनाफा कमाना ही नई शिक्षा नीति का मुख्य उद्देश्य है। गोष्ठी में डॉ. चतुरानन ओझा, नरभिंदर सिंह, भगवत स्वरूप, दिप्सिता, प्रणय, शक्ति रजवार, प्रिसेन, रितेश विद्यार्थी, विकास स्वरूप, विकास भारतीय, चारुलेखा, नीशू, नीलम सरोज आदि ने इस विषय पर बात रखते हुए कहा कि विश्वविद्यालय परिसर और बाहर के छात्रों-युवाओं की व्यापक एकजुटता ही शिक्षा के बाजारीकरण की साजिश का मुंहतोड़ जवाब दे सकती है। गोष्ठी का संचालन अमित और धन्यवाद ज्ञापन रामचंद्र ने किया।


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