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ग्राम पंचायतों में न बेल्चा न ट्राली फिर भी खजाना खाली, कौशांबी में हो रहा गोलमाल

ग्राम पंचायतों में सफाई उपकरण के नाम पर सिर्फ कागजों में चल रही फर्मों को लाखों का भुगतान कर सरकारी खजाना खाली कर दिया गया। कुछ गांव को छोड़ दें तो आज भी सफाई कर्मचारी गांव के लोगों से उपकरण मांग-मांग कर काम करते दिखेंगे

By Ankur TripathiEdited By: Published: Wed, 04 Aug 2021 06:40 AM (IST)Updated: Wed, 04 Aug 2021 06:40 AM (IST)
ग्राम पंचायतों में न बेल्चा न ट्राली फिर भी खजाना खाली, कौशांबी में हो रहा गोलमाल
कौशांबी ब्लाक में फर्जी फर्मों के नाम पर लाखों का भुगतान, सफाई उपकरण के खरीद के नाम पर खेल

​​​​​प्रयागराज, जागरण संवाददाता। पड़ोसी जनपद कौशांबी की ग्राम पंचायतों में सफाई उपकरणों की खरीद के नाम पर जमकर खेल किया गया। दो-चार गांव को छोड़ दें तो बाकी के ग्राम पंचायतों में तैनात सचिवों ने कागजों पर चल रही फर्मो को भुगतान कर सरकारी खजाने को खाली कर दिया।

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कागजों में चल रही फर्मों को लाखों का भुगतान

कौशांबी विकास खंड के तहत 57 ग्राम पंचायतों में साफ सफाई के लिए सफाई कर्मचारी नियुक्त है। इन सभी सफाई कर्मचारियों को सफाई उपकरण उपलब्ध कराने का जिम्मा ग्राम पंचायतों को दिया गया है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में कौशांबी विकास खंड के 18 ग्राम पंचायतों में कूड़ा ट्राली, बेल्चा, फावड़ा, पंजी आदि सफाई उपकरणों के खरीद पर पांच लाख 90 हजार रुपये का भुगतान किया गया। ग्राम पंचायतों में सफाई उपकरण के नाम पर सिर्फ कागजों में चल रही फर्मों को लाखों का भुगतान कर सरकारी खजाना खाली कर दिया गया। कुछ गांव को छोड़ दें तो आज भी सफाई कर्मचारी गांव के लोगों से उपकरण मांग-मांग कर काम करते दिखेंगे। म्योहर के सफाई कर्मी रामप्रसाद ने बताया मई 2017 में म्योहर गांव में नियुक्ति हुई। उस समय चार्ज लेने पर ग्राम पंचायत में एक बेल्चा, तीन कूड़ा गाड़ी, दो फावड़ा, एक फरुही, एक पंजी मिली थी। दिसंबर माह में प्रभारी मंत्री के आगमन पर दो ट्राली, दो फावड़ा, चार पंजी, चार फरुही, एक बेल्चा और मिला। नंदौली के सफाई कर्मचारी राजेश ने बताया सात महीने पहले दो कूड़ा गाड़ी, दो तसला, चार झाड़ू, चार पंजी दिया गया था। इसके बाद कोई सामान नहीं मिला।

भुगतान तो हुआ लेकिन नहीं मिले सफाई के उपकरण

कोसम इनाम में तैनात सफाई कर्मी राजू ने बताया कि गांव में चार वर्ष से काम कर रहा हूं। एक साल पहले चार कूड़ा गाड़ी मिली थी। इनमें से तीन टूट चुकी एक सही है, इसी से काम चलाया जा रहा है। अर्का फतेहपुर के सफाई कर्मी बृजेश ने बताया आठ माह पहले अर्का फतेहपुर और अर्का महावीरपुर के लिए दो कूड़ा गाड़ी मिली थी। जिसमें अर्का फतेहपुर की ट्राली टूट चुकी है। इधर कोई नया सफाई उपकरण नहीं मिला। इसी प्रकार अन्य गांवो में भी सफाई उपकरणों के नाम पर भुगतान तो हुआ, लेकिन सफाई कर्मियों को सफाई उपकरण नहीं मिला। विकास खंड में सफाई उपकरणों की हुई खरीद की जांच अगर उच्चाधिकारियों से कराई गयी तो कई कर्मचारियों की गर्दन फंसना तय है।

उपकरणों की खरीद का यह है ब्योरा

गांव खर्च धनराशि फर्म का नाम

सचवारा 7000 उन्नत इंटर प्राइजेज

रसूलपुर शुकुवारा 38600 बालाजी ट्रेडर्स

रक्सवारा 89250 शिवजी ट्रेडर्स

नंदौली 28800 जय बजरंगबली ट्रेडर्स

कोसम इनाम 12000 नीरज ट्रेडर्स

बजहा खुर्र्मपुर 17850 अमर ट्रेडर्स

अर्का फतेहपुर 44200 साकेत ट्रेडर्स

गोइठा 18200 बालाजी ट्रेडर्स

गोहरा मारुखपुर 9500 जय बजरंबली ट्रेडर्स

घमसिरा 9500 जयबजरंबली ट्रेडर्स

जुगराजपुर 38600 मां लक्ष्मी ट्रेडर्स

पाली उपरहार 21000 बालाजी ट्रेडर्स

महगूपुर 9500 बालाजी ट्रेडर्स

बेरुई 47200 कुशवाहा ट्रेडर्स

बेरौचा 32500 बालाजी ट्रेडर्स

बैगवां फतेहपुर 38500 कुशवाहा ट्रेडर्स

ऐगवा 18200 बालाजी ट्रेडर्स

म्योहर 48600 बालाजी ट्रेडर्स

विकास खंड के कौशांबी की ग्राम पंचायतों में सफाई उपकरणों की खरीद के नाम पर यदि किसी प्रकार की गड़बड़ी की गई है। तो पूरे मामले की जांच कराई जाएगी। रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।

बाल गोविंद श्रीवास्तव, डीपीआरओ


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