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प्रधानमंत्री मेंटरशिप योजना: प्रयागराज की नेहा बताएंगी स्‍वतंत्रता सेनानी मौलाना मजहर उल हक के योगदान

इलाहाबाद विश्वविद्यालय में उर्दू विभाग की शोध छात्रा नेहा ने मुजाहिद ए आजादी मौलाना मजहर उल हक हयात व खिदमात विषय पर लिखने का प्रस्ताव दिया था। उन्‍हें प्रधानमंत्री मेंटरशिप योजना में चुन लिया गया है। उन्हें इवि में बधाई और शुभकामनाएं दी जा रही हैं

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Tue, 28 Dec 2021 03:23 PM (IST)Updated: Tue, 28 Dec 2021 08:31 PM (IST)
प्रधानमंत्री मेंटरशिप योजना: प्रयागराज की नेहा बताएंगी स्‍वतंत्रता सेनानी मौलाना मजहर उल हक के योगदान
प्रधानमंत्री मेंटरशिप योजना में यूपी से नेहा चयनित हुई हैं। इवि में उर्दू विभाग की शोध छात्रा हैं।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। अमृत महाेत्सव के दौरान स्वतंत्रता संग्राम में शामिल रहे लाेगों को याद करने व आम जनमानस में फिर उनकी यादों को ताजा करने का प्रयास किया जा रहा है। इसी कड़ी में प्रधानमंत्री मेंटरशिप योजना शुरू की गई है। इसके तहत देश भर से अलग-अलग भाषाओं में विभूतियों के संदर्भ में शोधपरक सामग्री लिखने के लिए सिनाप्सिस के साथ आवेदन मांगे गए थे।

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इवि की शोध छात्रा हैं नेहा

इलाहाबाद विश्वविद्यालय में उर्दू विभाग की शोध छात्रा नेहा ने मुजाहिद ए आजादी मौलाना मजहर उल हक हयात व खिदमात विषय पर लिखने का प्रस्ताव दिया था। उसे चुन लिया गया है। इस पर विश्वविद्यालय के शिक्षकों और सह पाठियों ने बधाई तथा शुभकामनाएं दी हैं।

महात्‍मा गांधी के सविनय अवज्ञा आंदोलन से जुड़े थे मौलाना अजहर

नेहा ने बताया कि मौलाना मजहर उल हक का संबंध बिहार से है। बैरिस्टर होने के बाद भी वह महात्मा गांधी के साथ सविनय अवज्ञा आंदोलन से जुड़े। उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। बिहार विद्यापीठ की स्थापना का श्रेय भी उन्हीं को जाता है। प्रधानमंत्री मेंटरशिप योजना के तहत चयनित होने के बाद अब नेहा को छह माह में शोधपरक सामग्री प्रस्तुत करनी होगी। इसके लिए उन्हें तीन लाख रुपये की छात्रवृत्ति भी मिलेगी।

22 भाषाओं में मांगे गए हैं आवेदन

योजना के तहत देश भर के युवाओं से कुल 22 भाषाओं में अलग-अलग लोगों के बारे में शोधपरक सामग्री मांगी गई है। यह सामग्री उन लोगों पर केंद्रित होगी जो किसी न किसी तरह से स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़े रहे हैं। यह वह नाम भी हो सकते हैं जो अब तक प्रमुखता से जन सामान्य में अपनी पहचान नहीं बना सके, लेकिन स्थानीय स्तर पर उनका योगदान महत्वपूर्ण है।

75 अभ्यर्थी चयनित, इनमें 12 हिंदी, चार उर्दू और दो संस्कृत के 

योजना के तहत कुल 75 आवेदन चुने गए हैं। इनमें 12 हिंदी, चार उर्दू और दो संस्कृत भाषा के हैं। उर्दू में चयनित तीन अभ्यर्थी बिहार से संबंधित हैं जबकि यूपी से नेहा हैं। नेहा के अलावा यूपी से चार और आवेदन दूसरी भाषा में चयनित हुए हैं।  नेहा इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय की उर्दू विभाग की शोध छात्रा हैं। वह सदर ए शोबा ए उर्दू इलाहाबाद विश्वविद्यालय की प्रो. शबनम हमीद के निर्देशन में अखतर उल ईमान की नज्म निगारी का फिकरी व फन्नी मुतल्ला के वर्तमान में प्रासंगिकता पर शोध कर रही हैं। योजना के तहत सभी 75 लेख जमा होंगे जिनका पुस्तक के रूप में प्रकाशन होगा। 


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