नीम के गणेश, दूर करें क्लेश
¨हदू परिवारों में गणेश जी की मूर्ति रखने के पीछे केवल आस्था ही नहीं बल्कि वास्तु दोष से जुड़ी भी कई मान्यताएं हैं। माना जाता है कि नीम की लकड़ी के गणेशजी हर क्लेश यानी परेशानी को दूर करते हैं। शहर के तमाम परिवार ऐसे भी हैं, जो अब अपने घर की साज-सज्जा करवाते वक्त अलग तरीके से पूजा घर बनवाएं हैं। चौक के दुकानदार राजेंद्र केसरवानी का कहना है कि पहले लोग गणेश जी की प्रतिमा मांगते थे, लेकिन अब नीम की लकड़ी वाले गणेश जी की डिमांड करते हैं।
ताराचंद्र गुप्त, इलाहाबाद : सनातन धर्म की मान्यता के अनुसार कोई भी शुभ काम करने से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है। महाराष्ट्र के गणेश उत्सव का ट्रेंड इलाहाबादी लोगों पर छाया। अब नीम की लकड़ी के गणेश जी की मूर्ति भी दुकान व मकान में रखने का चलन बढ़ा है। ताकि परिवार में सुख-समृद्धि रहे।
¨हदू परिवारों में गणेश जी की मूर्ति रखने के पीछे केवल आस्था ही नहीं बल्कि वास्तु दोष से जुड़ी भी कई मान्यताएं हैं। माना जाता है कि नीम की लकड़ी के गणेशजी हर क्लेश यानी परेशानी को दूर करते हैं। शहर के तमाम परिवार ऐसे भी हैं, जो अब अपने घर की साज-सज्जा करवाते वक्त अलग तरीके से पूजा घर बनवाएं हैं। चौक के दुकानदार राजेंद्र केसरवानी का कहना है कि पहले लोग गणेश जी की प्रतिमा मांगते थे, लेकिन अब नीम की लकड़ी वाले गणेश जी की डिमांड करते हैं।
क्या है मान्यता -
-गणेश जी की मूर्ति रखने से घर में कोई परेशानी नहीं होती। बेहतर ढंग से पूजा करने पर व्यक्ति धनधान्य से परिपूर्ण रहता है। पारिवारिक कलह के साथ ही बाहर भी ज्यादा विवाद नहीं होता। घर व दुकान, प्रतिष्ठान का वातावारण शुद्ध रहता है और वास्तु दोष भी दूर होता है।
इनका कहना है-
- इस साल घर में गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करने के बाद उनका विसर्जन भी किया। इसके बाद नीम की लकड़ी वाले भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित की।
- राजश्री अवस्थी, शिक्षिका, तुलारामबाग
- भगवान गणेश विघ्नहर्ता हैं। हमने घर और दुकान दोनों जगह नीम की लकड़ी वाले गणेश जी की मूर्ति स्थापित की है। इससे वास्तु दोष दूर होता है।
- आलोक केशरी, दुकानदार, शहराराबाग