बंदी की कगार पर पहुंच चुके सरकारी उपक्रमों को 'संजीवनी' की दरकार Prayagraj News
ईस्टर्न यूपी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के पूर्व अध्यक्ष कहते हैं कि कंप्यूटर सर्वर एक भी भारतीय नहीं है सब विदेशी है। सरकार को देशी उपक्रमों को सपोर्ट करना चाहिए।
प्रयागराज, जेएनएन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकल को वोकल बनाने की बात कही है। हालांकि यह तभी संभव है, जब हर जरूरत की चीज का निर्माण देश में होने लगे। इसके लिए बंद अथवा बंदी की कगार पर पहुंच चुके सरकारी उपक्रमों को 'संजीवनी' देने की आवश्यकता है। नैनी के तीन सरकारी उपक्रमों को भी अगर पंख लग जाएं तो हजारों लोगों को रोजगार मिल जाएगा।
टीएसएल व आइटीआइ कंपनियां बंद हो चुकी हैं
त्रिवेणी स्ट्रक्चरल लिमिटेड (टीएसएल) भारत सरकार और आस्ट्रिया का संयुक्त उपक्रम था। इसमें इसरो का रॉकेट लांचिंग पैड, टेलीविजन के ऊंचे टॉवर, वॉटर डैम के गेट बनते थे। भारतीय नौसेना के लिए भी काम होता था। इंडियन टेलीफोन इंडस्ट्रीज (आइटीआइ) में टेलीफोन बनता था। हालांकि यह दोनों कंपनियां बंद हो गई हैं। भारत पंप एंड कम्प्रसर्स लिमिटेड (बीपीसीएल) में तेल शोधक कारखाने में लगने वाले कम्प्रेसर का निर्माण होता है लेकिन सरकार बाहर से सामान मंगाती है।
हल्दिया-प्रयागराज जलमार्ग बन जाने से रोजगार की संभावना होगी
कहा जा रहा है कि सरकार अगर स्वदेशी की बात करती है तो इन उपक्रमों को बढ़ावा देना चाहिए। हल्दिया-प्रयागराज जलमार्ग बन जाने से टीएसएल में नावों का निर्माण कराने से रोजगार की अच्छी संभावना बनेगी। आइटीआइ में कंप्यूटर सर्वर बनाने के संसाधन हैं, इसका निर्माण शुरू कराकर देश के डाटा को सुरक्षित किया जा सकता है।
बोले, ईस्टर्न यूपी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के पूर्व अध्यक्ष
ईस्टर्न यूपी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के पूर्व अध्यक्ष डॉ. जीएस दरबारी का कहना है कि कंप्यूटर सर्वर एक भी भारतीय नहीं है, सब विदेशी है। इससे सूचना और डाटा असुरक्षित है। इसलिए सरकार को देशी उपक्रमों को सपोर्ट करना चाहिए।
इन्होंने अपनी बात कही
एमएसएमई को कोई छूट नहीं दी गई। टर्नओवर का 10 फीसद लिमिट बढ़ाई जाए। जिनकी लिमिट नहीं है, उनकी लिमिट तय की जाए। छह महीने ब्याज न लिया जाए। बंदी के दौरान पैसा नहीं मिला।
- नीरज कुमार श्रीवास्तव, संगठन मंत्री यूपीएसआइए
कामगारों की कमी के कारण न पर्याप्त उत्पादन हो रहा है, न बाजार में बिक्री है। बाजार धीरे-धीरे खुलने लगा है तो अब डिमांड बढ़ेगी। इससे इकाइयों का काम ठीक होने लगेगा।
- राजेश जायसवाल, प्रोपराइटर जायसवाल इंडस्ट्रीज
बिजली के बिल का फिक्स चार्ज स्थगित करने के बजाय माफ किया जाए। बड़े उद्योगों को मंडी टैक्स से छूट है। एमएसएमई को भी इसका लाभ मिले। इन चीजों पर सरकार ध्यान देगी तभी इकाई चलेंगी।
- अनुज तिवारी, प्रोपराइटर मंगलम एग्रोफूड प्रोडक्ट्स
बाजार खुलने लगे हैं, जिससे रॉ मैटेरियल एवं अन्य सामान मिलने लगे हैं। लोन मिलने की दिक्कत है, जिससे इकाई के संचालन में परेशानी हो रही है।
- मनीष कुमार केसरवानी, पार्टनर नारायण इंडस्ट्रीज