Deepavali Festival : सजावट की दौड़ में देशी झालर व लाइट ने चायनीज को पीछे ढकेला Prayagraj News
इस बार दीपावली के बाजार पर सजावटी सामानों में चाइनीज वस्तुओं की बिक्री कम है। इसकी जगह देशी झालर और लाइट के साथ सजावटी सामानों की डिमांड है।
प्रयागराज, जेएनएन। पांच दिवसीय दीप पर्व निकट है। धनतेरस और दीपावली के लिए सजावटी सामानों का बाजार पूरी तरह से तैयार है। सजावट के लिए इस बार शाहगंज के इलेक्ट्रिक मार्केट में कई नई तरह के झालर और सजावटी लाइट उपलब्ध है। दुकानदार चाइनीज झालर और लाइटों की जगह देशी को ज्यादातर तरजीह दे रहे हैं। दुकानों पर देशी आइटम ही ज्यादा मिल रहे हैं। लिली फूल, डायमंड, लोटस, फव्वारा, राउंड बल्ब, फैंसी कंदेल, लांग कैप और फोकस लाइटें ज्यादा पसंद की जा रही हैं। हालांकि चाइनीज की तुलना में देशी आइटम महंगे हैं फिर भी लोगों का रुझान भी इसी ओर है।
लिली फूल, डायमंड, लोटस, गोल टमाटर बनी आकर्षण का केंद्र
लिली फूल, डायमंड, लोटस, गोल टमाटर, लांग कैप, नई डिजाइन की आरजीबी पाइप झालरें इस बार बाजार में नई हैं। गोल टमाटर वेलवेट के कपड़े, लांग कैप प्लास्टिक और सिल्क के डिजाइनर चमकदार कपड़े से बनी है। पाइप लाइट वॉटरप्रूफ है। यह 40 मीटर के बंडल में उपलब्ध है। नई डिजाइन की आरजीबी पाइप 50 मीटर का बंडल है। लेजर लाइट भी बाजार की शोभा बनी है। इसमें छोटा सा लेंस लगा है, जिससे लाइट रिफ्लेक्ट होकर आसपास की दीवारों पर पडऩे से लोगों को काफी आकर्षित कर रही है।
राउंड बल्ब की रंग-बिरंगी लाइट
राउंड बल्ब की रंग-बिरंगी लाइट भी चारों तरफ घूमती है। फैंसी कंदेल लाइट भी खूब पसंद की जा रही है। यह रंग-बिरंगे कागजों की बनी है। इसके बीच में एलईडी बल्ब लगे हैं। एलईडी झूमर की काफी डिमांड है। इलेक्ट्रिक सामानों के कारोबारी अनुज केसरवानी बताते हैं कि इस बार देशी झालर और लाइटें ही बेची जा रही हैं। सजावट की यह सामग्रियां दिल्ली से मंगाई गई हैं। कारोबारी मो. इरफान बताते हैं कि देशी झालर और लाइट चाइनीज से महंगी हैं, फिर भी देशी आइटम ही ज्यादा बेचे जा रहे हैं।
शुभ लाभ और ऊं लिखे लैंप भी दुकानों पर हैं
शुभ लाभ और ऊँ लिखे लैंप भी बाजार में जगह-जगह टगें मिलेंगे। ये लैंप भी लोगों को खूब आकर्षित कर रहे हैं। यह सभी सामान दो-ढाई सौ से लेकर करीब डेढ़ हजार रुपये तक में बिक रहे हैं।
लटकन, तोरण और गुलदस्ते भी लुभा रहे
घरों में कमरे और दरवाजे की सजावट के लिए फूलों, मोतियों के लटकन, तरह-तरह के तोरण और गुलदस्ते भी बाजार में जगह-जगह खूब सज गए हैं। तोरण और लटकन कर्नाटक से मंगाए गए हैं। बांस, पाइप, फूल, चिडिय़ा और हाथी के लटकन, फ्लावर पॉट, वंदनवार, मोती के तोरण, रंगोली, चरण स्टीकर, गणेश-लक्ष्मी के कपड़े भी आकर्षक डिजाइनों में बाजार में उपलब्ध हैं। गुलदस्ता पॉट कांच के बने हैं। घास वाला फोंटीन भी लोगों को खूब आकर्षित कर रहा है। कारोबारी रामबाबू बताते हैं कि सजावटी सामान अलग-अलग रेंज में उपलब्ध हैं।
सामान - कीमत (रुपये में)
लिली फूल- 130
डायमंड - 125
लोटस - 110
गोल टमाटर- 400
लांग कैप - 200
पाइप लाइट - 100
आरजीबी पाइप- 3500
फव्वारा - 425
फोकस लाइट - 475
राउंड बल्स - 150
तोरण - 50 से 150
लटकन - 50 से 300
गुलदस्ता पॉट- 150 से 250