भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत बोले- योगी जहां से आए थे वहीं चले गए यानी गोरखपुर
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि किसी सरकार ने किसानों के हित के लिए काई कार्य नहीं किया। चाहे केंद्र सरकार हो या फिर प्रदेश सरकार में किसानों की समस्याएं रही। उन्होंने कहा कि प्रदेश में गन्ना किसानाें का बकाया धनराशि का भुगतान नहीं किया गया।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। भारतीय किसान यूनियन (टिकैत गुट) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत इन दिनों प्रयागराज में हैं। सोमवार को वे यहां के परेड मैदान में आयोजित तीन दिवसीय भाकियू के चिंतन शिविर में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ जहां से आए थे वहीं चले गए यानी गोरखपुर। किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश की जनता भाजपा सरकार से नाखुश है। उन्होंने कहा कि किसी राजनीतिक पार्टी को हम चुनाव में सपोर्ट नहीं कर रहे हैं।
बोले, सरकार ने किसानों के हित में नहीं किया काम
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि किसी सरकार ने किसानों के हित के लिए काई कार्य नहीं किया। चाहे केंद्र सरकार हो या फिर प्रदेश सरकार में किसानों की समस्याएं रही। उन्होंने कहा कि प्रदेश में गन्ना किसानाें का बकाया धनराशि का भुगतान नहीं किया गया। बिजली के रेट कम नहीं हुए हैं जबकि किसानों को निश्शुल्क बिजली दी जानी चाहिए थी। राकेश टिकैत बोले कि प्रदेश की जनता मौजूदा सरकार से खुश नहीं है। किसानों की समस्याओं के साथ ही आम जनता महंगाई से परेशान है।
सपा नेत्री ने टिकैत से की मुलाकात
भाकियू टिकैत गुट के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत से चिंतन शिविर में सोमवार को समाजवादी पार्टी की नेता रिचा सिंह ने मुलाकात की। इस दौरान कई बिंदुओं पर उनकी मंत्रणा भी हुई। वहीं चिंतन शिविर में टिकैत ने किसान पदाधिकारियों से विचार विमर्श किया। साथ ही आगे की रणनीति पर चर्चा की।
प्रदेश में विकास का मुद्दा नहीं: टिकैत
उल्लेखनीय है कि भारतीय किसान यूनियन (टिकैत गुट) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत का प्रयागराज आगमन रविवार को हुआ था। माघ मेला स्थित परेड मैदान में तीन दिवसीय भाकियू का चिंतन शिविर आयोजित है। उन्होंने पहले दिन कहा था कि प्रदेश में मजबूत विपक्ष के लिए योगी आदित्यनाथ का जीतना आवश्यक है। विपक्ष को मजबूत होना चाहिए। प्रदेश में विकास का मुद्दा नहीं है। सरकार भी किसानों के मुद्दों पर कोई बात नहीं करना चाहती।
किसान नेता ने सरकार से किए प्रश्न
उन्होंने कहा कि प्रदेश में किसानों के मुद्दों पर जाति और धर्म की राजनीति हावी है। किसान भी जाति और धर्म के आधार पर बंटा हुआ है। हिंदू, मुस्लिम और जिन्ना का खेल खेला जा रहा है, लेकिन यह सिर्फ 15 मार्च तक ही रहेगा। इसके बाद यह सब गायब हो जाएगा। राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री किसानों के लिए एक शब्द भी नहीं बोलते हैं। ऐसा क्यों हैं। किसान ही सब कुछ है और उसके मुद्दे पर बात न करना बेमानी है। एमएसपी पर गारंटी कानून क्यों नहीं बनाया जा रहा है। धान खरीद में किसानों को राहत क्यों नहीं दी जा रही है।
भाकियू चिंतन शिविर में चुनाव का नहीं, आंदोलन का एजेंडा
राकेश टिकैत ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव का चिंतन शिविर से कोई मतलब नहीं है। शुरू से ही माघ और कुंभ मेला में भाकियू का चिंतन शिविर लगता रहा है। इस बार भी ऐसा ही हुआ है। इसमें किसानों के मुद्दों, उनके हित के साथ ही संगठन को और मजबूत कैसे किया जाए, इस पर विचार-विमर्श होगा। चिंतन शिविर में चुनाव का नहीं, बल्कि आंदोलन का एजेंडा तय होगा। चुनाव का फैसला जनता करेगी। जिन राज्यों में अभी चुनाव हो रहा है, वहां नई सरकार के गठन के बाद मांगों को पूरा करने के लिए वार्ता की जाएगी। सरकार पर दबाव बनाया जाएगा, ताकि किसान खुशहाल हो सके।