नरगिस, सुनील दत्त को देखने उमड़ी भीड़
साहित्यिक, सांस्कृतिक नगरी इलाहाबाद सिनेमा की दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण रहा है। चंद्रलोक सिनेमा में हम आपके हैं कौन ने सिल्वर जुबली मनाई। गौतम में दिल तो पागल है ने सिल्वर जुबली मनाई।
जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : साहित्यिक, सांस्कृतिक नगरी इलाहाबाद सिनेमा की दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण शहर है। देश के प्रमुख शहरों के साथ इलाहाबाद में हर प्रमुख फिल्म उसी दिन रिलीज होती है। यहां के सिनेमाघरों में अनेक फिल्मों ने सिल्वर व गोल्डन जुबली बनायी। फिल्म शोले गौतम सिनेमा में सालभर लगी रही। यही कारण है कि यहां के सिनेमाघर फिल्मी सितारों को आकर्षित करते रहे। अपनी फिल्मों के प्रमोशन पर नरगिस, सुनील दत्त, सचिन जैसे कई कलाकार इलाहाबाद आए। सुपरहिट फिल्म 'मदर इंडिया' निरंजन सिनेमा में लगी थी। इसके कलाकार नरगिस व सुनील दत्त फिल्म के प्रमोशन में इलाहाबाद आए थे।
तब प्रचार-प्रसार के ज्यादा तंत्र नहीं थे। इसके चलते उनके आने की सूचना किसी को नहीं थी। फिल्म के पहले शो में दोनों गुपचुप तरीके से दर्शकों के बीच जाकर बैठ गए। जब इंटरवल हुआ तो दर्शक सुनील दत्त व नरगिस को अपने बीच पाकर चौंक गए। धीरे-धीरे उनके आने की बात शहर में फैलने लगी। देखते ही देखते हाल के बाहर हजारों लोगों की भीड़ जुट गई। नरगिस व सुनील दत्त की झलक पाने को हर कोई बेताब रहा। जब वह निकले तो हाथ हिलाकर सबका अभिवादन किया। लोगों से हटने की गुजारिश की, लेकिन कोई उनकी बात नहीं सुन रहा था। भीड़ को हटाने के लिए सिनेमाघर प्रबंधन ने पुलिस बुलाई। पुलिस ने लाठी पटककर सबको वहां से हटाया। निरंजन में मदर इंडिया 50 हफ्ते तक चली। निरंजन में बैजू बावरा, आवारा जैसी सुपरहिट फिल्में लगी थीं। यहीं विनोद खन्ना अभिनीत फिल्म 'हाथ की सफाई' लगी थी। फिल्म को देखने के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ रही थी। फिल्म चलते 15 हफ्ते हुए थे तब विनोद खन्ना निरंजन आए थे। उन्होंने दो घंटे फिल्म भी देखी थी।
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मंगलवार को लग गई शोले
धर्मेद्र व अमिताभ बच्चन अभिनीत फिल्म शोले शुक्रवार के बजाय मंगलवार को रिलीज कर दी गई। वरिष्ठ कवि यश मालवीय बताते हैं कि वह आठवीं के छात्र थे। अपने साथियों के साथ मंगलवार के दिन गौतम सिनेमा गए थे। तब उसमें राजेंद्र कुमार की फिल्म 'गांव हमारा शहर तुम्हारा' लगने की जानकारी थी। जब हम सिनेमा हाल पहुंचे तो पहले शो में शोले लगी मिली। प्रबंधन ने बताया कि यह अचानक लगाई गई है। शोले फिल्म गौतम में सालभर तक लगी रही। यहां से उतरने के बाद अलग-अलग सिनेमाहालों में कई हफ्ते तक चली।
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महादेवी ने देखी 'नदिया के पार'
बाई का बाग स्थित झंकार टाकीज में सुपरहिट फिल्म 'नदिया के पार' लगी थी। पहले शो में फिल्म अभिनेता सचिन उसके प्रमोशन के लिए इलाहाबाद आए थे। फिल्म का पहला शो साहित्यकारों व स्थानीय कलाकारों को समर्पित था। उन्हें मुफ्त में फिल्म देखने के लिए आमंत्रित किया गया था। यही कारण है कि महीयसी महादेवी वर्मा, कवि उमाकांत मालवीय सहित अनेक साहित्यकारों व बुद्धिजीवियों ने फिल्म का पहला शो देखा था। यह फिल्म एजी आफिस में सीनियर आडिटर रहे कथाकार केशव प्रसाद मिश्र के उपन्यास 'कोहबर की शर्त' पर आधारित थी, जो 50 हफ्ते तक लगी रही।
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अमिताभ की फिल्मों का जलवा
इलाहाबाद के सिनेमाहालों में अमिताभ बच्चन की फिल्में खूब चलीं। पायल में मुकद्दर का सिकंदर, शराबी फिल्म ने गोल्डन जुबली मनाई, वहीं विशम्भर टाकीज में शान फिल्म लंबे समय तक चली।
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इन फिल्मों का रहा जलवा
इलाहाबाद में अनेक फिल्मों ने सफलता के झंडे फहराए हैं। चंद्रलोक में 'हम आपके हैं कौन' ने सिल्वर जुबली मनाई। गौतम में दिल तो पागल है ने सिल्वर जुबली मनाई। वहीं काजल सिनेमा में गदर ने सिल्वर जुबली पूरी की।