Move to Jagran APP

Narendra Giri Suicide Note: ​​महंत ने लिखा- ​​​जब तक जिया सम्मान से जिया, अपमान में जीना नहीं चाहता

आइजी जोन केपी सिंह ने बताया कि अल्लापुर स्थित मठ बाघम्बरी गद्दी में कक्ष का दरवाजा तोड़कर अंदर जाने पर मिले सुसाइड नोट में लिखा है कि उनके यानी महंत के बाद मठ का संचालन कैसे हो। आइजी ने इस बाबत कहा कि पूरे घटनाक्रम की विवेचना की जाएगी।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Mon, 20 Sep 2021 08:26 PM (IST)Updated: Tue, 21 Sep 2021 07:40 AM (IST)
Narendra Giri Suicide Note: ​​महंत ने लिखा- ​​​जब तक जिया सम्मान से जिया, अपमान में जीना नहीं चाहता
महंत के जीवन के यह अंतिम शब्द हैं जो उन्होंने मौत को गले लगाने से पहले सुसाइड नोट में लिखा

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। जब तक जिया सम्मान से जिया, सभी को सम्मान दिया। अपमान में जीना नहीं चाहता। आखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और मठ बाघम्बरी गद्दी के महंत तकरीबन 60 वर्षीय नरेंद्र गिरि के जीवन के यह वो अंतिम शब्द हैं जो उन्होंने मौत को गले लगाने से पहले सुसाइड नोट में लिखा। पुलिस को आठ पन्नों का यह सुसाइड नोट उस कक्ष के बेड पर मिला जहां महंत नरेंद्र गिरि का शव पंखे में फंदे से लटका मिला। सुसाइड नोट की सत्यता की भी जांच होनी है कि यह वास्तव में महंत नरेंद्र गिरि ने ही लिखा या नहीं। सच य यह है कि पुलिस अधिकारियों ने बताया वही मीडिया में सुसाइड नोट के बारे में लिखा जा रहा है लेकिन अगर तो बताया जा रहा वह सच है तो इससे यह तो साफ है कि महंत बहुत ज्यादा दुखी थे...जो भी हुआ था...।

loksabha election banner

आइजी ने कहा, हैंड राइटिंग समेत हर पहलू की होगी जांच

आइजी जोन केपी सिंह ने बताया कि अल्लापुर स्थित मठ बाघम्बरी गद्दी में कक्ष का दरवाजा तोड़कर अंदर जाने पर मिले सुसाइड नोट में लिखा है कि उनके यानी महंत के बाद मठ का संचालन कैसे होगा। आइजी ने इस बाबत कहा कि पूरे घटनाक्रम की विवेचना की जाएगी। आइजी ने बताया कि पुलिस को इस घटना की सूचना शाम 5.20 बजे बाघम्बरी मठ से महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य बबलू के द्वारा फोन पर मिली। आइजी के अनुसार बबलू को फौरन ही कहा गया कि किसी को भी वहां कुछ छूने नहीं दिया जाए। पुलिस ने दरवाजा तोड़कर शव को फंदे से उतरवाया। वहीं आठ पन्नों का सुसाइड नोट भी मिला।

सुसाइड नोट वसीयतनामा की तर्ज पर

इस नोट में उन्होंने कई शिष्यों के नाम लिखे हैं। एक तरह से उन्होंने सुसाइड नोट में अपने बाद बाघम्बरी मठ की वसीयत भी लिख दी। इसमें कई लोगों के नाम हैं। एक सवाल के जवाब में आइजी केपी सिंह ने बताया कि अपमानित करने वालों में शिष्य आनंद गिरि का भी नाम है लेकिन यह विवेचना में स्पष्ट होगा कि नरेंद्र गिरि अपने किस शिष्य से वास्तविक रूप से आहत थे। हालांकि सुसाइड नोट से यह तय है कि नरेंद्र गिरि अपने किसी शिष्य द्वारा हुए अपमान से दुखी थे। महंत नरेंद्र गिरि द्वारा लिखा गया सुसाइड नोट इस पूरे मामले की जांच की दिशा तय करेगा। फोरेंसिक टीम घटनास्थल पर बारीकी से जांच कर रही है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.