Narendra Giri Death Mystery: मुकदमा लिखाने वाले शिष्यों से CBI ने पूछा, दरवाजा तोड़ा या धकेला था
आनंद गिरि के खिलाफ मुकदमा लिखाने वाले शिष्य अमर गिरि व पवन महाराज से सीबीआइ टीम ने कई सवाल किए। उनसे पूछा गया कि सेवादारों ने महंत के कमरे का दरवाजा तोड़ा था या फिर धकेला था। उन्हें कब और किसने घटना की जानकारी दी थी
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। महंत नरेंद्र गिरि को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाते हुए आनंद गिरि के खिलाफ मुकदमा लिखाने वाले शिष्य अमर गिरि व पवन महाराज से सीबीआइ टीम ने कई सवाल किए। उनसे पूछा गया कि सेवादारों ने महंत के कमरे का दरवाजा तोड़ा था या फिर धकेला था। उन्हें कब और किसने घटना की जानकारी दी थी। जिस वक्त महंत अपने कमरे में आराम करने की बात कहकर गए थे, उस वक्त वह कहां थे और क्या कर रहे थे। यह भी पूछा गया कि घटना की जानकारी होने पर सबसे पहले कौन कमरे में गया था। यह भी जाना कि घटना के बाद पुलिस के कौन अधिकारी और कर्मचारी वहां आए थे और उनसे क्या-क्या सवाल जवाब हुआ था। इन पुलिस अधिकारियों ने वहां आकर क्या किया, क्या करते रहे वे।
रविवार के बाद सोमवार को भी जारी रही पूछताछ
सूत्रों का कहना है कि सीबीआइ की टीम ने अमर व पवन से करीब आधे घंटे तक पूछताछ की। ऐसा इसलिए कि सेवादारों ने पुलिस को दरवाजा तोड़ने और रिपोर्ट में दरवाजा धकेल कर खोलने की बात कही थी। इनकी ही तहरीर पर जार्जटाउन थाने में आनंद गिरि के खिलाफ एफआइआर दर्ज हुई थी। इसके बाद पुलिस की विशेष जांच दल एसआइटी ने आनंद, पुजारी आद्या तिवारी व उसके बेटे संदीप को गिरफ्तार कर जेला भेजा था। बताया जाता है कि वादी मुकदमा से कई सवाल करने और उनके जो जवाब मिले हैं, उसके आधार पर तफ्तीश चल रही है। यह भी कहा जा रहा है कि अगर प्रत्यक्षदर्शियों, वादी मुकदमा, सेवादारों व अन्य के बयानों में विरोधाभास होने पर जांच की दिशा बदल सकती है। उधर, रविवार को रात और सोमवार को भी सुबह सीबीआइ ने मठ में बलवीर गिरि, कुछ शिष्य व कई सेवादारों से भी लंबी पूछताछ की। बताया जाता है कि टीम को कई नई जानकारी मिली है, जिसके आधार उनसे दोबारा पूछताछ की गई है।