कीमती है पानी की हर एक बूंद, नारायणी आश्रम बालिका काॅलेज ने दिया संदेश Prayagraj News
जागरण संस्कारशाला के तहत जल संरक्षण का अभियान शुरू किया गया है। इसके तहत श्री नारायणी आश्रम बालिका इंटरमीडिएट कालेज शिवकुटी की छात्राओं और शिक्षिकाओं ने संदेश दिया।
प्रयागराज, जेएनएन। जल है तो जीवन है। जल नहीं तो कल नहीं। सोचिए कि पानी की हर एक बूंद बचाने के लिए अगर यही संदेश बच्चों के संस्कार में शामिल हो जाए तो पानी की बचत के लिए चलने वाले अभियानों को पंख लग सकते हैं। दैनिक जागरण संस्कारशाला के नवें संस्करण में कुछ इसी उद्देश्य को फलीभूत करने के लिए कदम बढ़ाए गए हैं। इसकी शुरुआत श्री नारायणी आश्रम बालिका इंटरमीडिएट कालेज शिवकुटी में की गई। जहां दैनिक जागरण की ओर से प्रकाशित कहानी 'बूंद-बूंद बचायें' के माध्यम से जल के महत्व को बताया गया। 'जल ही जीवन है', पर छात्राएं और शिक्षिकाएं खुलकर बोलीं। प्रधानाचार्य विभा मिश्रा ने कहानी के माध्यम से जल संरक्षण के जागरण के प्रयास को सराहनीय बताया।
पृथ्वी पर जल बहुमूल्य संसाधन : विभा मिश्रा
श्री नारायणी आश्रम बालिका इंटरमीडिएट कालेज शिवकुटी की प्रधानाचार्य विभा मिश्रा ने कहा कि पृथ्वी पर एक बहुमूल्य संसाधन जल है। या फिर यूं कहें कि जल ही जीने का आधार है, लेकिन जल संकट की समस्या लगातार विकराल होती जा रही है। समस्याओं को जानने के बावजूद देश की बड़ी आबादी जल संरक्षण के प्रति सचेत नहीं है। जब हर एक व्यक्ति जल का महत्व समझेगा और इसका प्रयोग सावधानी से करेगा तो ही इस समस्या से निजात मिल सकती है।
करना होगा जल संचयन : निशि श्रीवास्तव
शिक्षिका निशि श्रीवास्तव का कहना है कि जल के बिना मनुष्य का जीवन असंभव है। जल के दुरुपयोग को रोकना होगा। वर्षा के जल को अनेक माध्यमों जैसे कृत्रिम रूप से तालाब बनाकर टंकियों में इकट्ठा करके संचयन करना होगा।
अपने घरों से करें जल बचत की शुरुआत : वर्षा पांडेय
शिक्षिका वर्षा पांडेय कहती हैं कि पानी बचाने का काम हमें अपने-अपने घरों से करना चाहिए। इसके लिए सभी को जागरुक होना पड़ेगा। जल संकट का असर इंसान पर ही नहीं बल्कि पशु-पक्षियों और पेड़-पौधों पर भी पड़ रहा है। पानी की खपत को कम करें और इसका अधिक से अधिक संचयन करें। जिंदगी जीने के लिए पानी सबसे जरूरी है। जल है तो कल है।
छात्राओं ने सुझाया
विद्यालय की छात्रा खुशबू कनौजिया ने कहा कि हमें जल उतना ही खर्च करना चाहिए जितना जरूरी हो। हम भोजन के बिना जिंदा रह सकते हैं लेकिन, यदि पानी न मिले तो जीवित रहना असंभव है। वहीं छात्रा विष्णु प्रिया पांडेय का कहना है कि जल हमारे के लिए बहुत उपयोगी है। अर्थात हम जल पर निर्भर हैं। वर्तमान समय में भूगर्भ जल स्तर तेजी से घट रहा है। सरकार तो जल संरक्षण के लिए प्रयास कर रही है उसके साथ जन-जन को भी जल संरक्षण के लिए कदम उठाने चाहिए। छात्रा इशिका जायसवाल ने कहा कि जल ही जीवन है इसलिए इसका सदुपयोग करें। जल को व्यर्थ में न बहायें। बूंद-बूंद पानी की कीमत को जानें क्योंकि बूंद-बूंद से ही सागर भरता है। इसी प्रकार छात्रा प्रियांशी पटेल कहती हैं कि प्रत्येक प्राणी तथा समस्त पेड़ पौधों के अस्तित्व के लिए अनिवार्य कारक जल है। दूषित जल मनुष्यों और अन्य प्राणियों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं। इसलिए हमें जल को अशुद्ध होने से बचाना चाहिए।