प्रयागराज [वीरेंद्र द्विवेदी]: निकाय चुनाव के लिए तैयार की गई मतदाता सूची में समय बीतने के साथ गड़बड़ी बढ़ती दिख रही है। शहर की सीमा का विस्तार हुआ, वार्ड बढ़े, वोटरों की संख्या बढ़ी लेकिन लापरवाही के कारण कई वार्डों में अन्य पिछड़ा वर्ग के मतदाताओं की संख्या ही घट गई है। पिछड़ा वर्ग के मतदाताओं की संख्या घटने से कई वार्डों में आरक्षण में भी बदलाव देखने को मिल रहा है। इन मतदाताओं की संख्या घटने के कारण पार्षद बनने का सपना संजोने वाले सैकड़ों दावेदार परेशान हो रहे हैं।
हालांकि आपत्तियां लगाकर समस्या का समाधान पाने का प्रयास दावेदार कर रहे हैं। कर्नलगंज वार्ड नंबर 61 में पिछड़ा वर्ग के मतदाताओं की संख्या ही घट गई है। पिछले वर्ष इस वार्ड में कुल मतदाता 12014 थे। उसमें 3102 अन्य पिछड़ा वर्ग के मतदाता थे। 2022 के लिए तैयार की गई मतदाता सूची में 3102 के बजाय 2508 ओबीसी के मतदाता हैं। ऐसे में 594 ओबीसी के मतदाता कम हो गए हैं।
क्षेत्र के अमित गोस्वामी ने बताया कि इस बार निकाय चुनाव के लिए तैयार की गई मतदाता सूची में वोटरों की संख्या 15118 हो गई, लेकिन ओबीसी मतदाताओं की संख्या बढ़ने के बजाय घटकर 2508 हो गई है। वहीं वार्ड नंबर 64 मेंहदौरी में 2017 की तुलना में 2022 में 250 पिछड़ा वर्ग के मतदाताओं की संख्या कम हो गई है।
2017 में इस वार्ड में कुल मतदाताओं की सख्या 15888 थी। इसमें 2362 वोटर पिछड़ा वर्ग के थे। 2022 के लिए तैयार की गई मतदाता सूची में वोटर की संख्या 16 हजार के पार हो गई लेकिन ओबीसी मतदाताओं की संख्या 2112 हो गई है। वार्ड नंबर 83 में पिछड़ा वर्ग के दो हजार से अधिक वोटर कम हो गए हैं।
वार्ड के मो. मुशारिब ने बताया कि 2017 में दरियाबाद वार्ड नंबर 57 में कुल वोटरों की संख्या 12 हजार से अधिक थी। सात हजार ओबीसी मतदाता थे। 2022 के लिए तैयार की गई मतदाता सूची में 5260 वोटर ही शामिल किए गए हैं।
इसी तरह से नई बस्ती, दारागंज, सरांयगढ़, दरियाबाद, एलनगंज सहित दो दर्जन से अधिक वार्डों में पिछड़ा वर्ग के मतदाताओं की सख्या घट गई है। सभी वार्डों से आपत्ति लगाई गई है। निस्तारण न होने पर कोर्ट भी जाने की तैयार दावेदार कर रहे हैं।
इन्होंने कहा…
रैपिड सर्वे के अनुसार ही मतदाताओं की संख्या का आकलन किया गया है। थोड़ा बहुत अंतर हुआ होगा। लोगों ने आपत्तियां मांगी गई थी। उनका निस्तारण किया जा चुका है।
-सतीश कुमार, चीफ इंजीनियर नगर निगम।