Coronavirus संक्रमण काल में महंगाई चरम पर, Mustard oil की कीमत बेलगाम, तीन रुपये किलो की फिर तेजी
इलाहाबाद गल्ला तिलहन व्यापार मंडल के अध्यक्ष सतीश कुशवाहा का कहना है कि आटा का रेट पिछली बार की तुलना में कम है। तेल की कीमतों में लगातार वृद्धि हो रही है। कुछ कंपनियों का इस पर होल्ड है और वह मनमाने तरीके से दाम बढ़ाती जा रही हैं।
प्रयागराज, जेएनएन। बेकाबू होते कोरोना संक्रमण के कारण महंगाई भी चरम पर है। महंगाई को नियंत्रण करने के लिए न सरकार का ध्यान है न प्रशासन की कोई पहल। कंपनियां मनमाने तरीके से दामों को बढ़ाती जा रही हैं। थोक कारोबारियों और आम जनता दोनों की मजबूरी है कि बढ़े दामों पर सामान खरीदें। सरसों के तेल की कीमत 50 रुपये (15 किलो टिन) बढ़ गई। इस हिसाब से थोक रेट में ही तीन रुपये किलो की वृद्धि हुई।
जानें खाद्य सामग्रियों के थोक रेट
सरसों के तेल का थोक रेट बुधवार को 2500 रुपये (15 किलो टिन), रिफाइंड 2350 रुपये (15 लीटर टिन) , पामोलीन 2250 रुपये (15 किलो टिन) और डालडा घी 1850 रुपये (15 किलो टिन) था। आटा थोक में 21 रुपये किलो, चीनी 36.50 रुपये किलो और अरहर की दाल 101 रुपये किलो थी।
खाद्य सामग्रियों के फुटकर रेट पर डालें नजर
सरसों के तेल का फुटकर रेट गुणवत्ता के आधार पर 160 से 180 रुपये किलो, रिफाइंड 160 से 170 रुपये लीटर और पॉमोलीन 130 से 135 रुपये किलो था। फुटकर में अरहर दाल की कीमत 120 रुपये किलो, चीनी 42 रुपये किलो एवं आटा 26 से 28 रुपये किलो है। गुरुवार को सरसों का तेल 50 रुपये (15 किलो टिन) फिर बढ़ गया है। इससे फुटकर रेट पांच रुपये किलो फिर बढऩे के आसार हैं।
इलाहाबाद गल्ला तिलहन व्यापार मंडल के अध्यक्ष बोले- कंपनियां मनमाना दाम बढ़ा रही हैं
इलाहाबाद गल्ला तिलहन व्यापार मंडल के अध्यक्ष सतीश कुशवाहा का कहना है कि आटा का रेट पिछली बार की तुलना में कम है। तेल की कीमतों में लगातार वृद्धि हो रही है। कुछ कंपनियों का इस पर होल्ड है और वह मनमाने तरीके से दाम बढ़ाती जा रही हैं।