सरसो के तेल, रिफाइंड और पामोलीन की कीमत 'बेकाबू', जानिए क्या है प्रयागराज में भाव
चार दिन पहले सरसों के तेल की कीमत 2100 रुपये टीन (15 किलो) थी। जो बढ़कर 2150 रुपये टीन हो गया। फार्चून 1750 रुपये टीन (15 किलो) और पामोलीन 1750 रुपये की जगह 1800 रुपये टीन (15 लीटर) हो गया है।
प्रयागराज,जेएनएन। सरसों के तेल, सोयाबीन, फार्च्यून और पामोलीन की कीमतें बेकाबू होती जा रही हैं। इसकी वजह से घी का रेट भी बढऩे लगा है। इन खाद्य सामग्रियों की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। लॉकडाउन के बाद से अब तक सरसों के तेल की कीमत में करीब 33 रुपये किलो की बढ़ोत्तरी हो चुकी है। इसी अनुपात में सोयाबीन फाच्र्यून और पामोलीन की कीमतें भी बढ़ रही हैं।
चार दिन पहले सरसों के तेल की कीमत 2100 रुपये टीन (15 किलो) थी। जो बढ़कर 2150 रुपये टीन हो गया। फार्चून 1750 रुपये टीन (15 किलो) और पामोलीन 1750 रुपये की जगह 1800 रुपये टीन (15 लीटर) हो गया है। इन चीजों की कीमतों में उछाल का असर डालडा घी पर भी पडऩे लगा है। इस सप्ताह डालडा घी 1300 रुपये टीन (15 लीटर) हो गया।
थोक व्यापारियों का दावा है कि लॉकडाउन में सरसों के तेल की कीमत 1650 रुपये, सोयाबीन फाच्र्यून 1350 रुपये और पामोलीन भी 1350 रुपये टीन था। इस तरह सरसों के तेल की कीमत में करीब पांच सौ रुपये टीन, फार्चून में करीब चार सौ और सोयाबीन में लगभग 450 रुपये टीन की वृद्धि हुई है। इन खाद्य सामग्रियों की कीमत की किलो में बात करें तो तेल की कीमत करीब 33 रुपये, फार्चून का रेट लगभग 26 और पामोलीन का मूल्य तकरीबन 30 रुपये बढ़ा है।
इलाहाबाद गल्ला तिलहन व्यापार मंडल के अध्यक्ष सतीश केसरवानी का कहना है कि तेल और पामोलीन का रेट बढऩे से डालडा का मूल्य भी बढ़ रहा है। समोसे, टिकिया बनाने वाले दुकानदार पामोलीन की जगह डालडा का इस्तेमाल करना शुरू कर दिए हैं, जिससे रेट में बढ़ोत्तरी होने लगी है।