किले में कैद अक्षयवट के लिए मुस्लिमों ने भी बुलंद की आवाज
करोड़ों रुपये खर्च कर पूरे शहर को सजाया जा रहा है तो फिर अक्षयवट के दर्शन की अनुमति भी होनी चाहिए।
प्रयागराज : किले में कैद पौराणिक वृक्ष अक्षयवट को श्रद्धालुओं के दर्शन-पूजन के लिए खोले जाने की संतों व श्रद्धालुओं व शहरवासियों की मांग को मुस्लिमों ने भी समर्थन दिया है। मुस्लिम समुदाय के लोगों का कहना है कि दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन कुंभ के दौरान अक्षयवट को आम जनता के लिए खोल दिया जाना चाहिए। मुस्लिम अधिवक्ता, राजनीतिज्ञ और आम शहरियों ने अक्षयवट के लिए अपनी आवाज भी बुलंद की है। उनका कहना है कि अक्षयवट से धार्मिक भावनाएं जुड़ी हैं, ऐसे में इसे कैद में रखना ठीक नहीं है।
युवा क्रांतिकारी अधिवक्ता संघ के मंत्री नजर इकबाल कुरैशी का कहना है कि अक्षयवट के साथ ¨हदुओं की भावनाएं जुड़ी हैं। हर कोई मांग कर रहा है तो इसके दर्शन की अनुमति दी जानी चाहिए। पूर्व प्रधान राशिद फरीदी का कहना है कि यह गंगा जमुनी तहजीब का शहर रहा है। ऐसे में हिंदुओं की इस मांग पर मुस्लिम समाज के लोगों को भी समर्थन करना चाहिए। मंदिर में दर्शन हो रहा है तो अक्षयवट के दर्शन की छूट दी जानी चाहिए। वार्ड 73 की पार्षद मुमताज अंसारी का कहना है कि सबसे बड़े धार्मिक मेले में करोड़ों श्रद्धालु आएंगे, केंद्र और राज्य सरकारें सारे इंतजाम कर रही हैं, ऐसे में आस्था को देखते हुए अक्षयवट को आम लोगों के लिए खोल दिया जाना चाहिए। इसके लिए केंद्र सरकार को आर्मी चीफ से वार्ता करनी चाहिए।
करोड़ों रुपये खर्च कर पूरे शहर को सजाया जा रहा है तो फिर अक्षयवट के दर्शन की अनुमति भी होनी चाहिए। अधिवक्ता मो. हारिश का कहना है कि हर किसी को अपने हिसाब से इबादत का हक है। संविधान भी हमें यह छूट देता है, ऐसे में करोड़ों लोगों की आस्था के केंद्र अक्षयवट को आम लोगों के लिए खोले जाने की मांग को हर हाल में पूरा किया जाना चाहिए। कुंभ में करोड़ों लोग निराश होकर जाएं यह ठीक नहीं है। चकिया कब्रिस्तान कमेटी के मुतवल्ली असगर अब्बास का कहना है कि कुंभ में करोड़ों रुपये खर्च कर श्रद्धालुओं के लिए इंतजाम किए जा रहे हैं, देशभर से लोग प्रयागराज आएंगे, ऐसे में उनकी प्रमुख मांग 'प्रयागराज मांगे अक्षयवट दर्शन' को सरकार को मान लेना चाहिए। यह आस्था का सवाल है।
मोहम्मद वासिक का कहना है कि अक्षयवट पवित्र वृक्ष है, इसकी पूजा होनी है। संगम पर पूरी दुनिया से लोग आते हैं, ऐसे में इस वृक्ष के दर्शन से प्रयागराज का धार्मिक महात्म्य और बढ़ जाएगा। यह मांग पूरी की जानी चाहिए। व्यवसायी मो. शारिफ का कहना है कि श्रद्धालुओं की इस मांग को कुंभ से पहले पूरा किया जाना चाहिए।