कुंभ में संग्रहालय की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं, आइए जानें ऐसा क्यों
कुंभ में संग्रहालय की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं नजर आ रहे हैं। पिछले दिनों शहर का कुंभ के तहत सुरक्षा का सर्वे किया गया था लेकिन संग्रहालय को ध्यान नहीं दिया गया।
प्रयागराज : प्रयागराज : कुंभ के दौरान शहर के चप्पे-चप्पे पर खुफिया नजर होगी। एनएसजी कमांडोज का पहरा होगा पर इलाहाबाद संग्रहालय की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं हैं। पिछले दिनों नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (एनएसजी) ने कुंभ के मद्देनजर शहर के प्रमुख स्थलों का सुरक्षा के दृष्टि से सर्वे किया था पर हर दृष्टि से महत्वपूर्ण इलाहाबाद संग्रहालय को छोड़ दिया गया। इसको लेकर निदेशक ने प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर संग्रहालय में पर्याप्त सुरक्षा देने की मांग की है।
इलाहाबाद संग्रहालय संस्कृत मंत्रालय द्वारा संचालित है। इसकी स्थापना 1863 में की गई थी। यहां चंद्रशेखर आजाद की पिस्टल, महात्मा गांधी की ऐतिहासिक घड़ी जैसे 70 हजार बेशकीमती सामान, शस्त्र, छायाचित्र व आब्जेक्ट्स संरक्षित हैं। हर वर्ष हजारों की संख्या में देश-विदेश से पर्यटक संग्रहालय देखने आते हैं। कुंभ में एक लाख पर्यटकों के आने की उम्मीद है। इनमें 100 से अधिक देशों के पर्यटक शामिल होंगे। ऐसे में इलाहाबाद संग्रहालय की सुरक्षा चाक-चौबंद होने की उम्मीद की जा रही थी।
एनएसजी कमांडोज ने की थी मैपिंग :
कुंभ का सिक्योरिटी प्लान तैयार करने के लिए एनएसजी ने पिछले दिनों शहर में डेरा डाल आतंकी हमलों और उसके बाद की स्थिति पर मॉकड्रिल और रिहर्सल किया था। इस दौरान एनएसजी कमांडोज ने मेला क्षेत्र के अलावा पूरे शहर की मैपिंग की थी। शहर की ऐतिहासिक और बड़ी इमारतों का सुरक्षा खाका खींचा था।
सिक्योरिटी प्लान बनाने में बिसर गया था संग्रहालय :
एनएसजी के डायरेक्टर जनरल सुदीप लखटकिया के नेतृत्व में 80 कमांडो और अधिकारियों ने सुरक्षा के हर पहलू पर नजर दौड़ाई थी पर इलाहाबाद संग्रहालय को छोड़ दिया गया था।
क्या कहते हैं संग्रहालय निदेशक :
इलाहाबाद संग्रहालय के निदेशक सुनील गुप्ता का कहना है कि एनएसजी ने इलाहाबाद संग्रहालय का मुआयना नहीं किया। सुरक्षा के दृष्टिकोण से यह जरूरी है। इसके लिए उन्होंने प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखा है और उनसे संग्रहालय को पर्याप्त सुरक्षा देने की मांग की है।
10 सुरक्षा गार्डों के सहारे है संग्रहालय की सुरक्षा :
निदेशक सुनील गुप्ता ने बताया कि वर्तमान में संग्रहालय के गेट पर दो पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। इसके अलावा 10 सेवानिवृत्त सैनिकों को संग्रहालय की सुरक्षा में लगाया गया है। परिसर में केयर टेकर भी सारी रात ड्यूटी करते हैं। इन सबके बावजूद यदि कोई आतंकी हमला हो जाए तो सुरक्षा अपर्याप्त होगी।