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मुख्तार अंसारी के साले को गैंगस्टर एक्ट में नहीं मिली राहत, हाई कोर्ट ने याचिका की खारिज

जेल में बंद मऊ विधायक माफिया मुख्तार अंसारी के साले को गैंगेस्टर एक्ट के तहत दर्ज मुकदमें में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने राहत नहीं दी है। हाई कोर्ट ने कहा है कि एक केस पर भी गैंगेस्टर एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज हो सकती है।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Mon, 23 May 2022 11:25 PM (IST)Updated: Mon, 23 May 2022 11:25 PM (IST)
मुख्तार अंसारी के साले को गैंगस्टर एक्ट में नहीं मिली राहत, हाई कोर्ट ने याचिका की खारिज
माफिया मुख्तार अंसारी के साले को गैंगेस्टर एक्ट के तहत दर्ज मुकदमे में राहत नहीं

प्रयागराज, विधि संवाददाता। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जेल में बंद मऊ विधायक माफिया मुख्तार अंसारी के साले को गैंगेस्टर एक्ट के तहत दर्ज मुकदमें में राहत नहीं दी है। हाई कोर्ट ने कहा है कि एक केस पर भी गैंगेस्टर एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज हो सकती है। यह आदेश जस्टिस सूर्य प्रकाश केसरवानी और जस्टिस पीयूष अग्रवाल की खंडपीठ ने अनवर शहजाद की याचिका पर दिया है।

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मुख्तार का साला होने की वजह से झूठा फंसाया गया

मुख्तार के साले का याचिका में कहना था कि वह निर्दोष है और उसे झूठा फंसाया गया है, क्योंकि वह मुख्तार अंसारी का साला है। सरकार ने सत्ताधारी पार्टी के उम्मीदवार के खिलाफ विधायक अथवा संसदीय चुनाव लड़ने और जीतने वाले राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी को परेशान करने की नीति शुरू की है।

सरकारी अधिवक्ता ने कहा कि याची एक गैंग का सदस्य है इसलिए गिरोह बंद एक्ट के तहत दर्ज एफआइआर में कोई दोष नहीं है। कोर्ट ने कहा कि न्यायालय आरोपों की विश्वसनीयता या वास्तविकता की जांच नहीं कर सकता है। लिहाजा, पुलिस द्वारा की जा रही जांच में हस्तक्षेप का आधार नहीं है। यह कहते हुए हाई कोर्ट ने हस्तक्षेप करने से इन्कार कर दिया है।

फरार बंदी की तलाश में पुलिस की छापेमारी जारी

प्रयागराज : स्वरूपरानी नेहरू (एसआरएन) अस्पताल से फरार बंदी दीपक पाल की तलाश में सोमवार को भी पुलिस व एसओजी की टीम छापेमारी करती रही। प्रतापगढ़ में उसके घरवालों से भी पूछताछ हुई, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। उसके दूसरे संदिग्ध ठिकानों में दबिश दी गई, मगर रात तक गिरफ्तारी नहीं हो पाई।

फरार बंदी दीपक पाल मूलरूप से प्रतापगढ़ के मगैती, उदयपुर का निवासी है। वह सिविल लाइंस थाने में दर्ज सामूहिक दुष्कर्म के मुकदमे में आरोपित है। उसे मार्च 2022 में गिरफ्तार कर पुलिस ने सेंट्रल जेल नैनी भेजा था। तबियत खराब होने पर चार दिन पहले उसे एसआरएन अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अभिरक्षा में जेल वार्डर अर्जुन व सरायइनायत थाने के सिपाही रविकांत की ड्यूटी लगी थी। रविवार सुबह दीपक अस्पताल के तीसरी मंजिल पर टहलने के लिए निकला और फिर पुलिस को चकमा देकर भाग निकला। मामले में लापरवाही पर जेल वार्डर अर्जुन प्रसाद को निलंबित कर दिया गया है। जबकि अन्य पुलिसकर्मियों की भूमिका की जांच हो रही है। एसपी सिटी दिनेश कुमार सिंह का कहना है कि बंदी के संभावित भागने वाले रास्तों पर लगे सीसीटीवी फुटेज को भी खंगाला जा रहा है। जल्द ही उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा। .


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