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एमआरआइ और डिजिटल एक्सरे की फिल्म खत्म, मरीज के साथ चिकित्सक भी परेशानी

योगी राज में अस्पतालों की सुविधाएं बढ़ाने पर जोर है जबकि धरा पर इसके विपरीत दृश्य है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 05 Oct 2021 01:08 AM (IST)Updated: Tue, 05 Oct 2021 01:08 AM (IST)
एमआरआइ और डिजिटल एक्सरे की फिल्म खत्म, मरीज के साथ चिकित्सक भी परेशानी
एमआरआइ और डिजिटल एक्सरे की फिल्म खत्म, मरीज के साथ चिकित्सक भी परेशानी

जागरण संवाददाता, प्रयागराज : योगी राज में अस्पतालों की सुविधाएं बढ़ाने पर जोर है जबकि धरातल पर व्यवस्थाएं ठन-ठन गोपाल हैं। कहीं और नहीं, बल्कि मंडल के सबसे अधिक सुविधाजनक अस्पताल स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय में स्थितियां सरकारी मंशा को मुंह चिढ़ा रही हैं। यहां करीब दो माह से एमआरआइ कराने वालों को इमेज फिल्म नहीं मिल पा रही है। डिजिटल एक्सरे की हालत भी कमोवेश यही है। रिपोर्ट हार्ड कापी के अलावा सीडी में अपलोड करके दी जा रही है। इससे मरीज, तीमारदार व उसके चिकित्सक के सामने तमाम तरह की परेशानी आती है।

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ओपीडी में मरीज कैसे दिखाए रिपोर्ट

एमआरआइ या डिजिटल एक्सरे की इमेज फिल्म मिलती है तो मरीज या तीमारदार उसे लेकर ओपीडी में चिकित्सक को दिखाने के लिए जाते हैं।फिल्म एक नजर में देखते ही चिकित्सक समझ जाते हैं कि शरीर के अंदरूनी हिस्से में क्या समस्या है जिससे बीमारी ठीक नहीं हो रही है। वार्ड में भर्ती मरीज के बेड के पास भी यह फिल्म अन्य चिकित्सा जांच रिपोर्ट के साथ उपलब्ध रहती है तो राउंड पर आए चिकित्सक को मरीज की बीमारी का स्टेटस (अद्यतन स्थिति) जानने में ज्यादा समय नहीं लगता। यही रिपोर्ट सीडी में मिलने से जांच पड़ताल की अविध लंबी हो रही है। यह अपना रहे प्रक्रिया

सीडी में एमआरआइ रिपोर्ट मरीज या तीमारदार से मिलने पर वरिष्ठ चिकित्सक उसे जूनियर डाक्टर को देते हैं। जूनियर डाक्टर उसे लैपटाप के जरिए अपने मोबाइल फोन में अपलोड करते हैं। फिर वह रिपोर्ट संबंधित चिकित्सक को फारवर्ड की जाती है। इस प्रक्रिया में एक सप्ताह भी लग जाते है क्योंकि चिकित्सक मरीज से अगले सप्ताह होने वाली ओपीडी में आने के लिए कहते हैं। जबकि यही रिपोर्ट इमेज फिल्म में उपलब्ध रहे तो एक मिनट से भी कम समय में बीमारी पकड़ में आ सकती है। काल्विन अस्पताल में बांटे मानसिक स्वास्थ्य संबंधी पंपलेट

जागरण संवाददाता, प्रयागराज : मोतीलाल नेहरू मंडलीय चिकित्सालय यानी काल्विन अस्पताल में सोमवार से मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता सप्ताह की शुरुआत हुई। यह आयोजन जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम कर रही है। 10 अक्टूबर को विश्व में मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है। इसके उपलक्ष्य में जागरूकता सप्ताह शुरू किया गया है। अपर मुख्य चिकित्साधिकारी व एनसीडी सेल के नोडल डा. वीके मिश्रा ने बताया कि पांच अक्टूबर को सीएचसी बहरिया, सात को सैदाबाद, नौ को जसरा, 10 अक्टूबर को सोरांव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में *मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता, मनोवैज्ञानिक परीक्षण, परामर्श एवं दिव्यांगता प्रमाणीकरण के लिए शिविर लगाए जाएंगे। आठ अक्टूबर को शंकर लाल श्रीवास्तव सेवा भवन, जानसेनगंज में मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चों के लिए फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता होगी। सभी शिविरों का संचालन डा. राकेश पासवान मनोचिकित्सक परामर्शदाता, नैदानिक मनोवैज्ञानिक डा. ईशान्या राज एवं जय शंकर पटेल द्वारा किया जाएगा।

सोमवार को मोतीलाल नेहरू मंडलीय चिकित्सालय की ओपीडी में आए सभी मरीजों को मानसिक स्वास्थ्य की अहमियत बताई गई और इससे संबंधी पंपलेट बांटे गए।


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