कोई अफवाह न फैलाएं, सुरक्षित है एमआर का टीका
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी कैप्टन डॉ. आशुतोष ने बताया शहर के 17 बड़े स्कूलों ने टीकाकरण कराने से मना किया था जिसमें दस स्कूलों ने अब सहमति दी है।
प्रयागराज : स्वास्थ्य विभाग व जिला प्रशासन इस समय हर किसी को यह समझाने का प्रयास कर रहा है कि एमआर (मीजल्स रूबेला) का टीकाकरण पूरी तरह से सुरक्षित है। इसे लेकर किसी तरह की अफवाह न फैलाएं और अपने नौ माह से 15 साल तक के बच्चों को यह टीका अवश्य लगवाएं। इस संबंध में बुधवार को संगम सभागार में सीडीओ की अध्यक्षता में बैठक हुई। इसमें स्कूल के प्रिंसिपलों से अपने स्कूल के बच्चों का टीकाकरण कराने का आह्वान किया गया।
जिले में 10 दिसंबर से एमआर टीकाकरण चल रहा है। अब तक पांच लाख 65 हजार बच्चों का टीकाकरण हो चुका है। शहर के करीब डेढ़ दर्जन स्कूलों ने अपने छात्र-छात्राओं को टीकाकरण कराने से मना कर दिया है जो स्वास्थ्य विभाग व जिला प्रशासन के सामने बड़ी चुनौती है। मना करने वाले स्कूलों में अधिकांश शहर के बड़े क्रिश्चियन स्कूल शामिल हैं।
बैठक में सीडीओ ने स्कूल के प्रिंसिपलों से कहा कि वह इस अभियान में सहयोग करें ताकि शत प्रतिशत टीकाकरण हो सके। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी कैप्टन डॉ. आशुतोष ने बताया शहर के 17 बड़े स्कूलों ने टीकाकरण कराने से मना किया था जिसमें दस स्कूलों ने अब सहमति दी है। सात स्कूल के प्रिंसिपल बैठक में नहीं शामिल हुए, जिन्होंने टीकाकरण के लिए मना किया था।
क्या है मीजल्स रूबेला :
मीजल्स यानी खसरा यह एक संक्रामक रोग है। यह टीका पहले भी लगता था। इसमें अब रूबेला का टीका मिला कर लांच किया गया है। रूबेला बीमारी महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान होती है जो भ्रूण व नवजात के लिए घातक होती है। इससे बचाव के लिए यह टीका सरकार की ओर से मुफ्त में लगाए जा रहे हैं।